Updated October 11th, 2018 at 13:29 IST
राहुल गांधी बोले, 'सरकारने अनिलअंबानी की कंपनीको30 हजार करोड़का फायदापहुंचाया'
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से राफेल मुद्दे को लेकर NDA पर हमला बोला है.
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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर से राफेल मुद्दे को लेकर NDA पर हमला बोला है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने अनिल अंबानी की कंपनी को 30,000 करोड़ रुपए का फायदा पहुंचाया है. राहुल गांधी ने कहा, ''अनिल अंबानी जी 45000 करोड़ रुपए के कर्जे में हैं. 10 दिन पहले कंपनी खोली और प्रधानमंत्री जी ने 30,000 करोड़ रुपया हिन्दुस्तान की जनता का पैसा, एयरफोर्स का पैसा अनिल अंबानी की जेब में डाला है.
इसके साथ ही राहुल बोले, ''ये हिन्दुस्तान के प्रधानमंत्री नहीं है पता चला ये अंबानी के प्रधानमंत्री हैं. युवा रोजगार खोज रहे हैं और प्रधानमंत्री जी अनिल अंबानी जी की चौकीदारी कर रहे हैं. देश में मुख्य मुद्दा भ्रष्टाचार का है और प्रधानमंत्री जी इस पर कुछ नहीं बोल रहे हैं. पहले फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति और अब राफेल के सीनियर एक्ज़ीक्यूटिव ने साफ कह दिया है कि राफेल सौदे के बदले डसॉल्ट को रिलायंस से डील करने को कहा गया''
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'हिन्दुस्तान की रक्षा मंत्री फ्रांस जा रही हैं इससे साफ संदेश क्या हो सकता है.. राफेल में प्रधानमंत्री ने सीधे-सीधे भ्रष्टाचार किया है उनकी भी जांच होनी चाहिए.'
बता दें, इससे पहले डसॉल्ट ने कहा था कि उन्होंने भारत में राफेल के ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट के लिए रिलायंस कंपनी को 'अपनी मर्जी से चुना' है. बता दें, भारत-फ्रांस के बीच राफेल सौदे को लेकर फ्रांस की मीडिया में बुधवार को एक रिपोर्ट छपी थी. जिसमें कहा गया था कि डसॉल्ट एविएशन के पास राफेल सौदे के लिए अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस डिफेंस को चुनने के अलावा और कोई चारा नहीं था.
इस पूरे मामले पर डसॉल्ट कंपनी ने अपना स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा है ''राफेल सौदे को पूरा करने के लिए एक कंपनी के साथ जोइंट वेंचर किया है. डसॉल्ट एविएशन ने भारत में अपने पार्टनर के तौर पर रिलायंस ग्रुप का चुनाव खुद से किया है''
गौरतलब है कि कांग्रेस द्वारा लगातार राफेल डील पर सवाल उठाए जा रहे हैं. कांग्रेस का कहना है कि NDA सरकार को राफेल डील के दामों के बारे में देश के सामने बताना चाहिए. इसके साथ ही कांग्रेस ये सवाल उठा रही है कि डसॉल्ड कंपनी ने ऑफसेट कॉन्ट्रैक्ट के लिए HAL को छोड़कर रिलायंस कंपनी को क्यों चुना? इस पूरे मामले पर NDA सरकार के द्वारा बार-बार कहा गया है कि रिलायंस को भारत सरकार ने नहीं बल्कि डसॉल्ट कंपनी ने चुना है.
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Published October 11th, 2018 at 13:29 IST