Updated July 6th, 2019 at 18:18 IST

पहली बार बिना सोनिया और राहुल गांधी के कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक, अध्यक्ष पद को लेकर चर्चा

 कांग्रेस पार्टी आजकल किसी को पसंद है बुजुर्गों का साथ, तो कोई चाहता है युवा अंदाज। कोई चाहता है एक्सपीरियंस। तो कोई जोश और जुनून चाहता है

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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हाल फिलहाल में कांग्रेस बिना डोर पानी पतंग हो गई है ना कोई दिशा है, ना उड़ान है। राहुल गांधी ने इस्तीफा क्या दिया। नया अध्यक्ष कौन होगा इसको लेकर नई नई बातें हवाओं में उड़ने लगीं। कई कांग्रेसी नेता अब अपने नए नए नाम लोगों के सामने रख रहे हैं।

 कांग्रेस पार्टी आजकल किसी को पसंद है बुजुर्गों का साथ, तो कोई चाहता है युवा अंदाज। कोई चाहता है एक्सपीरियंस। तो कोई जोश और जुनून चाहता है और इन्हीं चाहतों के पाटे में पिस रही है कांग्रेस पार्टी। इसी को लेकर शनिवार यानि आज शाम 6 बजे कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हो रही है। 

ये जगजाहिर हो चुका है कि कांग्रेस के अंदर नए अध्यक्ष को लेकर दो गुट बन चुके हैं। एक गुट उन बुजुर्गों के पक्ष में है जो सालों से कांग्रेस की पू्ंछ पकड़े अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी कर रहे हैं
और एक गुट उन लोगों का है जो नए चेहरों को कांग्रेस में आगे बढ़ाना चाहते हैं।

पंजाब के मु्ख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने नए चेहरों पर नया शिगूफा छेड़ा है। उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा कि 'राहुल गांधी के इस्तीफे के दुर्भाग्यपूर्ण निर्णय के बाद पार्टी को इस समय एक युवा नेता की ही जरूरत है। कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) से मेरा आग्रह है कि किसी ऐसे युवा नेता को ही पार्टी अध्यक्ष की कमान सौंपने के बारे में सोचे, जो अपनी देशव्यापी पहचान और जमीन से जुड़ाव के जरिए लोगों को उत्साहित कर सके।'   

इस ट्वीट में उन्होंने साफ किया कि अब कांग्रेस को युवाओं का जोश चाहिए ना कि किसी बुजुर्ग की लाठी का सहारा। अपने ट्वीट में वो राहुल गांधी के इस्तीफे पर दुख और पार्टी को नया जोशिला चेहरा दिए जाने की आस जता रहे हैं। राहुल के इस्तीफे के बाद तो जैसे गांधी परिवार में युवाओं को कमी हो गई है। इतना तो लगभग तय है कि कांग्रेस का अगला अध्यक्ष गांधी परिवार से शायद ना हो। लेकिन हो तो कौन हो?

कांग्रेस के युवा नेताओं की लिस्ट में कुछ नामों पर गौर किया जा सकता है...अब ये हैं कौन...ये जानते हैं सचिन पायलट, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जितिन प्रसाद या फिर मिलिंद देवड़ा

अब सवाल ये उठता है कि लोकसभा चुनावों में हार की धूल चाटने वाली कांग्रेस का जहाज युवा पंखों से उड़ पाएगा? क्योंकि जिन नामों पर चर्चा हो सकती है उनमें कितना दम है...ये भी आप जान लीजिए

सचिन पायलट ने राजस्थान विधानसभा चुनावों में  कांग्रेस की जीत में अहम रोल निभाया था। ज्योतिरादित्य सिंधिया को लोकसभा चुनावों में ही हार का सामना करना पड़ा। जितिन प्रसाद ने भी कोई कमाल नहीं दिखाया। लोकसभा चुनावों में उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा, रही बात मिलिंद देवड़ा की। तो वो भी फ्लॉप नेता हैं। लोकसभा चुनावों में वो भी हारे ही हैं।

बुजुर्गों को फुंका हुआ कारतूस मानकर युवाओं के जिम्मे कांग्रेस थमाने की सोच रखने वाले भूल गए कि नए बंदूकों की नालों में भी बहुत ज्यादा दम नहीं दिख रहा है। सिवाय सचिन पायलट के बाकी कोई भी अपने आप को साबित नहीं कर पाया है। तो क्या देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की हालत यहां तक पहुंच गई है कि वो अब लंगड़े या बुजुर्ग घोड़ों के सहारे डर्बी रेस जीतने के सपने देख रहे हैं। 

इन सारी बातों के बाद अंत में सवाल अब भी यही है कि कौन होगा कांग्रेस का अगला अध्यक्ष?

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Published July 6th, 2019 at 18:18 IST

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