Updated April 24th, 2024 at 21:18 IST
गहलोत के पूर्व ओएसडी ने कहा, आडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दी थीं
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तत्कालीन OSD लोकेश शर्मा ने कहा कि गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थी।
- देश
- 4 मिनट रीड
Advertisement
Rajastha News: पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के तत्कालीन विशेषाधिकारी (ओएसडी) और कांग्रेस नेता लोकेश शर्मा ने बुधवार को दावा किया कि पार्टी की पिछली सरकार को गिराने की साजिश के संबंध में गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के तीन ऑडियो क्लिप तत्कालीन मुख्यमंत्री ने उन्हें मीडिया में प्रसारित करने के लिए एक पेन ड्राइव में दिए थे।
लोकेश ने इस मुद्दे को लेकर यहां पत्रकारों से बात की और कथित पेन ड्राइव और लैपटॉप दिखाया। उन्होंने दावा किया कि गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थी। लोकेश के अनुसार इन क्लिप को लैपटॉप के जरिए अपने मोबाइल फोन में डाला और मीडिया में प्रसारित किया।
Advertisement
जालोर लोकसभा सीट पर अपने बेटे वैभव गहलोत के लिए प्रचार कर रहे पूर्व मुख्यमंत्री गहलोत से टिप्पणी के लिए तुरंत संपर्क नहीं किया जा सका।
अशोक गहलोत ने पेन ड्राइव में दिए थे ऑडियो क्लिप- लोकेश शर्मा
Advertisement
लोकेश ने मीडिया को पेन ड्राइव दिखाते हुए दावा किया,“मुझे सोशल मीडिया से ऑडियो क्लिप नहीं मिली। तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पेन ड्राइव के माध्यम से मुझे ये सभी ऑडियो क्लिप दिए थे और इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा था। मैंने उनके निर्देशों का पालन किया।''
अब तक लोकेश यह कहते रहे हैं कि उन्हें ये कथित क्लिप सोशल मीडिया के जरिए मिली थी, जिसे उन्होंने आगे मीडिया को भेज दिया था। अब उन्होंने क्लिप उपलब्ध कराने के लिए सीधे तौर पर गहलोत को जिम्मेदार ठहराया है।
Advertisement
गजेंद्र सिंह शेखावत की थी लोकेश शर्मा के खिलाफ शिकायत
दिल्ली पुलिस ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर 25 मार्च 2021 को लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी तरीके से बातचीत को रिकॉर्ड करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
Advertisement
लोकेश ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने तीन जून 2021 को शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी जो अभी जारी है। लोकेश पूछताछ के लिए दिल्ली पुलिस के समक्ष पेश हो चुके हैं।
गहलोत के निर्देशों का पालन करना अपना कर्तव्य समझा- लोकेश
Advertisement
लोकेश ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने गहलोत के निर्देशों का पालन करना अपना कर्तव्य समझा और अपराध शाखा द्वारा पूछताछ के बावजूद ऑडियो क्लिप के स्रोत का खुलासा नहीं किया। उन्होंने कहा कि जब उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था तो उन्हें गहलोत ने पूरे सहयोग का आश्वासन दिया था, लेकिन उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया और मामले और पूछताछ के कारण उन्हें मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
उन्होंने कहा, “16 जुलाई 2020 को तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित होटल फेयरमोंट आए जहां राजनीतिक संकट के बाद उनके खेमे के कांग्रेस विधायक ठहरे हुए थे। वह शाम करीब चार बजे होटल से निकले। बाद में मुझे गहलोत के पीएसओ रामनिवास का फोन आया कि गहलोत मुझे मुख्यमंत्री आवास पर बुला रहे हैं।'
Advertisement
तत्कालीन मुख्यमंत्री ने दी पेन ड्राइव- लोकेश शर्मा
शर्मा ने दावा किया, ”जब मैं मुख्यमंत्री आवास पहुंचा, तो गहलोत ने मुझे यह पेन ड्राइव दी जिसमें तीन ऑडियो क्लिप थे और एक कागज दिया जिसमें ऑडियो क्लिप की प्रतिलिपि थी। उन्होंने मुझसे इसे मीडिया में प्रसारित करने के लिए कहा।”
Advertisement
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से वह अपने घर गए और ऑडियो क्लिप को अपने लैपटॉप में और लैपटॉप से अपने मोबाइल फोन में डाला और फिर मीडिया में प्रसारित कर दिया। शर्मा ने पेन ड्राइव और लैपटॉप भी दिखाया।
फोन टैपिंग विवाद जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान सामने आया जब कांग्रेस राजस्थान में सत्ता में थी। तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थन वाले पार्टी के 18 विधायकों ने तत्कालीन मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ बगावत कर दी थी जिस दौरान गजेंद्र सिंह और कांग्रेस नेताओं के बीच टेलीफोन पर कथित बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आए थे।
Advertisement
इसे भी पढ़ें: IPL 2024: विराट के अलावा ये भारतीय भी Orange Cap की रेस में, ट्रेविस हेड समेत लिस्ट में कौन-कौन?
Advertisement
Published April 24th, 2024 at 21:18 IST
आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.
अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।