Updated January 24th, 2019 at 20:23 IST
National Approval Ratings: यूपी में BJP को लग सकता है तगड़ा झटका, महागठबंधन को मिलेगी बड़ी बढ़त
किस राज्य में किस पार्टी का परचम लहराएगा? देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं
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रिपब्लिक टीवी और CVoter आपके सामने National Approval Ratings लेकर आए हैं ताकि आपको पता चल सके की अगर आज की तारीख में लोकसभा चुनाव होते हैं तो किस पार्टी को कितनी सीटें मिलेंगी? किस राज्य में किस पार्टी का परचम लहराएगा? देश की सबसे बड़ी आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश की बात करें तो यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. बता दें, पिछली बार हुए लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 71 सीटों पर कब्जा किया था.
किसको कितनी सीटें-
National Approval Ratings Projection के मुताबिक उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों में से UPA को 4 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं NDA को 25 सीटें और महागठबंधन को 51 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है. वहीं UPA की दो सीटों पर कांग्रेस पार्टी के जीत की संभावनाएं बताई गईं हैं.
वोट शेयर-
National Approval Ratings Projection के मुताबिक वोट शेयर की बात करें तो UPA को 12.7 प्रतिशत वोट शेयर मिलने का अनुमान है. वहीं NDA को 42 प्रतिशत तो महागठबंधन को सबसे ज्यादा 43 प्रतिशत वोट प्रतिशत मिलने की बात कही गई है.
बता दें, इस बार बीजेपी से प्रदेश में टक्कर लेने के लिए समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने गठबंधन किया है. वहीं कांग्रेस शायद अकेले ही मैदान में उतरे. ऐसे में बीजेपी के लिए वापस 2014 वाला करिश्मा दोहराना कठिन चुनौती होगी.
बता दें, साल 2014 के चुनाव में बहुजन समाज पार्टी, कांग्रेस और समाजवादी पार्टी को करारी हार का मुंह देखना पड़ा था. वहीं इस बार महागठबंधन को राज्य में सबसे ज्यादा 44 सीटें मिलने का अनुमान है. बता दें, National Approval Ratings Projection के मुताबिक बीजेपी को काफी सीटों का नुकसान हो रहा है.
महागठबंधन को होगा फायदा-
महागठबंधन उत्तर प्रदेश के चुनाव में अपनी मौजूदगी दर्ज कराने में कामयाब हो रही है. बता दें, मायावती और अखिलेश यादव की जोड़ी बीजेपी और कांग्रेस को कड़ी टक्कर दे रही है. उत्तर प्रदेश में मायावती का दलीत वोट बैंक है वहीं अखिलेश यादव का 'यादव वोट बैंक.' इन दोनों दिग्गज नेताओं के एक साथ आने से इनका वोट प्रतिशत अन्य पार्टी की तुलना में काफी अधिक हो जाता है और इनको साफतौर पर इसका फायदा होता हुआ भी दिख रहा है.
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Published January 24th, 2019 at 15:42 IST