Updated November 29th, 2018 at 16:14 IST

LIVE अपडेट : CBI निदेशक आलोक वर्मा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी..

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के अधिकार छीनने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है.

Reported by: Ayush Sinha
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4:00 बजे अपडेट - आलोक वर्मा की याचिका पर कोर्ट ने आज सुनवाई स्थगित कर दी है. मामले की अगली सुनवाई बुधवार को होगी.

CJI का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट बुधवार को फैसला करेगा कि क्या वो आलोक वर्मा पर सीवीसी रिपोर्ट में शामिल होना चाहते हैं या नहीं. 

अगर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सीवीसी रिपोर्ट और आलोक वर्मा के जवाब पर फैसला किया तो केंद्र सरकार को भी उनके जवाब दर्ज करने की अनुमति दी जाएगी.

3:30 बजे अपडेट - AG का कहना है कि सीबीआई निदेशक की शक्तियों को बांटने के लिए कोई उचित प्रावधान नहीं है.

3:28 बजे अपडेट - AG केके वेणुगोपाल ने सीबीआई निदेशक के चयन और सीबीआई निदेशक की नियुक्ति के बीच तुलन करते हुए कहा कि नियुक्ति के बिना, चयन की कोई अहमियत नहीं है.

3:15 बजे अपडेट - AG ने सरकार के लिए तर्क शुरू किया

3:00 बजे अपडेट - राजीव धवन ने आरोप लगाया कि सीवीसी आदेश के कारण सीबीआई के भीतर चल रही जांच पर असर पड़ा है

2:50 बजे अपडेट - राजीव धवन ने एके बास्सी के लिए तर्क रखना शुरू किया

2:27 बजे अपडेट - सुप्रीम कोर्ट ने आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना द्वारा किए गए आरोपों और प्रत्यारोपों का सामना नहीं किया. सुप्रीम कोर्ट ने कपिल सिब्बल को कानूनी बिंदुओं और आरोपों पर बात करने के लिए कहा

2:26 बजे अपडेट - कपिल सिब्बल के सवालों पर सीजेआई ने सवाल किया, ये आरोप कहां हैं? आप किसी कारण से CVC क्यों ला रहे हैं?

2:25 बजे अपडेट - सुप्रीम कोर्ट में सिब्बल ने सवाल किया, 'यदि हम इसे होने की इजाजत देते हैं तो सीबीआई की आजादी का क्या बचा है? आज सीबीआई है. कल CVC या यहां तक कि चुनाव आयोग भी हो सकता है.'

2:10 बजे अपडेट - कपिल सिब्बल मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए बहस करते हैं

सिब्बल ने आरोप लगाया कि CVC के पास इतनी शक्ति नहीं है कि वो वर्मा की शक्तियां खत्म करने का आदेश पारित कर दें

इसके साथ ही सिब्बल ने कहा DSPE अधिनियम के अनुसार जांच की बात आती है

12:50 बजे अपडेट - कोर्ट की सुनवाई लंच के लिए स्थगित की गई. दोपहर 2 बजे सुनवाई दोबारा शुरू की जाएगी.

12:48 बजे अपडेट - जस्टिस के एम जोसेफ़ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि वे केवल फली नरीमन द्वारा उठाए गए बिंदुओं पर ही बने रहेंगे. अगर प्रधानमंत्री, चीफ जस्टिस और नेता प्रतिपक्ष की उच्चस्तरीय समिति से मंजूरी मिलती तब आलोक वर्मा के खिलाफ कार्रवाई करने की आवश्यकता थी.

12:44 बजे अपडेट ृ- जस्टिस के एम जोसेफ़ अलोक वर्मा के वकील नरीमन से पूछते हैं: "मान लीजिए कि सीबीआई प्रमुख को रिश्वत लेने के लिए रंगे हाथ पकड़ा गया है, तो उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? क्या उसे उसी पद पर बैठे रहना चाहिए?'

12:34 बजे अपडेट - आलोक वर्मा के वकील एफ. एस. नरीमन ने कोर्ट में कहा कि आलोक वर्मा को उचित मंजूरी के साथ नियुक्त किया गया था. कानून क मुताबिक ये आवश्यक है कि वो चयन समिति द्वारा चुने गए एक निश्चित कार्यकाल के लिए पद पर तैनात रहें.

12:32 बजे अपडेट  आलोक वर्मा के वकील ने कहा, 'केन्द्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम, 2003 और सीबीआई की स्वतंत्रता और सीबीआई निदेशक के निश्चित कार्यकाल के बारे में विनीत नारायण के फैसले को दर्शाता है.'

आलोक वर्मा की याचिका पर सुनवाई शुरू, आलोक वर्मा के वकील एफ. एस. नरीमन ने कोर्ट में अपना पक्ष रखना शुरू किया.

सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के अधिकार छीनने और उन्हें अवकाश पर भेजने के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. दरअसल बीते 20 नवंबर को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा द्वारा सीलबंद लिफाफे में दायर किया गया जवाब लीक होने पर कार्ट ने नाराजगी जताई थी.

हर किसी के ज़हन में एक सवाल उठ रहा है कि आलोक वर्मा फिर से सीबीआई चीफ बहाल किए जाएंगे या फिर छुट्टी पर ही रहेंगे. आज सुप्रीम कोर्ट इसे तय कर सकता है. दरअसल सुप्रीम कोर्ट को इस मसले पर फैसला करना है कि आलोक वर्मा का अधिकार छीनना और छुट्टी पर भेजना सरकार का फैसला सही है या गलत..

अगर कार्ट ने सरकार फैसले को गलत ठहराया को निश्चित तौर पर सीबीआई डायरेक्टर आलोक वर्मा वापस ड्यूटी पर लौटेंगे. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस के एम जोसेफ़ की पीठ में इस मामले की सुनवाई की जा रही है. ये पीठ आलोक वर्मा के सीलबंद लिफ़ाफ़े में दिए जवाब पर विचार कर सकती है. 

दरअसल कोर्ट ने कहा था कि केंद्रीय सतर्कता आयोग की विस्तृत प्रारंभिक रिपोर्ट के निष्कर्ष में कुछ ‘अनुकूल’ और कुछ ‘बहुत ही प्रतिकूल’ हैं जिनकी आयोग द्वारा आगे जांच की आवश्यकता है. जिसके बाद प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की पीठ ने इस गोपनीय रिपोर्ट के अवलोकन के बाद आदेश दिया था कि इसकी प्रति सीलबंद लिफाफे में आलोक वर्मा को दी जाए. पीठ ने आलोक वर्मा से इस पर सोमवार तक सीलबंद लिफाफे में ही जवाब मांगा था.

वरिष्ठ अधिवक्ता और आलोक वर्मा के वकील एफ. एस. नरीमन ने सीबीआई निदेशक का जवाब लीक होने पर आश्चर्य जताया है. हालांकि इस दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता और आलोक वर्मा के वकील एफ. एस. नरीमन ने सीबीआई निदेशक का जवाब लीक होने पर आश्चर्य जताया था.

बता दें, बीते दिनों सीबीआई में मचे घमासान से केंद्र सरकार की काफी आलोचना हुई थी. कांग्रेस ने इस पूरे मामले को राफेल डील की जांच से जोड़ा था. कांग्रेस ने कहा था कि सीबीआई निदेशक राफेल डील की जांच करने वाले थे इसलिए केंद्र सरकार के द्वारा उन्हें छुट्टी पर भेज दिया गया. वहीं केंद्र की तरफ से इन तमाम आरोपों का खंडन किया गया था. 

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Published November 29th, 2018 at 12:37 IST

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