Updated March 22nd, 2019 at 11:15 IST
कांग्रेस ने फिर सेना के शौर्य पर उठाए सवाल, सैम पित्रोदा ने कहा- 'क्या तथ्य देकर इसे साबित कर सकते हो?'
ये कोई पहली दफा नहीं है जब कांग्रेस पार्टी या विपक्ष ने सेना की बहादुरी पर सवाल उठाया हो, इससे पहले खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी...
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पुलवामा अटैक के बाद एयर स्ट्राइक के जरिए बालाकोट में वायुसेना की कार्रवाई में आतंकवादियों को हुए नुकसान के साक्ष्य की मांग करने वाले नेताओं की लिस्ट में अब कांग्रेस के एक और नेता शामिल हो गए हैं। कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के सबूत मांगे हैं। इसके साथ ही वो पाकिस्तान की वकालत करते भी नज़र आएं।
कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने सेना के शौर्य को कटघरे में खड़े करते हुए कहा, ''अगर उन्होंने (IAF) 300 लोगों को मारा, तो ठीक है. मैं बस इतना कह रहा हूं कि क्या आप मुझे और तथ्य देकर इसे साबित कर सकते हो।''
ये कोई पहली दफा नहीं है जब कांग्रेस पार्टी या विपक्ष ने सेना की बहादुरी पर सवाल उठाया हो, इससे पहले खुद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी शहीदों के परिवार के एक बयान का हवाला देते हुए कहा वायुसेना की एयरस्ट्राइक के सबूत की मांग की थी। उन्होंने कहा था, ‘कांग्रेस के कुछ लोगों ने चर्चा की है, उसमें मैं नहीं जाना चाहता, लेकिन पुलवामा आतंकी हमले में सीआरपीएफ के जो जवान शहीद हुए हैं उनके परिवार वालों ने एक मांग उठाई है। उनकी भवना है कि हमें दुख पहुंचा है तो हमें दिखाइए कि क्या हुआ।’
पित्रोदा ने ये भी कहा, ''मुझे इसमें विश्वास नहीं। मैं थोड़ा और जानना चाहूंगा मैंने न्यूयॉर्क टाइम्स और दूसरे अखबार में पढ़ा। क्या सच में 300 लोग मारे गए मुझे नहीं पता। एक नागरिक के तौर पर मुझे पता होना चाहिए। अगर मैं पूछ रहा हूं तो पूछना मेरा कर्तव्य है।''
बता दें, कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा राहुल गांधी के चीफ एडवाज़र हैं और कांग्रेस अध्यक्ष के बेहद करीबी माने जाते हैं। उन्होंने इस दौरान देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए 26/11 हमले को लेकर पाकिस्तान की वकालत भी की।
मुंबई के 26/11 हमले पर उन्होंने सीधे तौर पर कह दिया कि पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है।
ये बयान वाकई हैरान कर देने वाला है। लेकिन ज्यादा ताज्जुब की बात इस लिए नहीं है क्योंकि इससे पहले राहुल गांधी के अलावा कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती समेत कई विपक्षी नेताओं ने सेना के पराक्रम को सवालों के तराजू में तौल चुका है।
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Published March 22nd, 2019 at 10:56 IST