Updated June 17th, 2019 at 16:43 IST
मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 100 से ज्यादा लोगों की मौत, R भारत के सवालों से भागे CM नीतीश कुमार
बच्चों की मौत के बाद मां-बाप की सिसकियां नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है। मासूमों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है,
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बिहार में मुजफ्फरपुर में लगातार मासूमों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है, अब तक सौ मासूमों की मौतें हो चुकी हैं, हर दिन बच्चों की मौत की खबरों से दिल मानों फट सा जाता है, सवालों में नीतीश सरकार है, तो विपक्ष कटघरे में है, क्योंकि सरकार पर दवाब बनाने में विपक्ष नाकामयाब है, नतीजा ये है कि चमकी बुखार हर दिन कुछ घरों के चिरागों को बुझा रहा है।
बच्चों की मौत के बाद मां-बाप की सिसकियां नीतीश कुमार के सुशासन के दावों की पोल खोल रही है। मासूमों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, जो नीतीश सरकार की नाकामी का सबूत है, हद तो ये है कि अब नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर का एक दौरा भी नहीं कर पाए हैं, ऊपर से नीतीश के मंत्री श्याम रजक कहते हैं कि नीतीश कुमार का अस्पताल जाना जरूरी नहीं। वहीं नीतिश कुमार भी रिपब्लिक भारत के सवालों से बचते हुए नजर आए।
खैर सरकार तो सवालों से भाग रही है दूसरी तरफ लगता है कि विपक्ष भी सियासी चमकी का शिकार होकर कोमा में चला गया है, बात-बात पर ट्वीट करने वाले तेजस्वी यादव की अब तक मुजफ्फरपुर के बच्चों के लिए दो शब्द भी नहीं लिख पाए हैं, तेजस्वी यादव ने 10 जून को अपने पिता लालू प्रसाद यादव को जन्मदिन की बधाई दी थी, तब से अब तक उनका ट्विटर हैंडल खामोश हैं, ऐसे ही राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, अखिलेश यादव, मायावती भी एक शब्द नहीं लिख पाए हैं, बच्चों की मौत हो रही है, सरकार नाकाम साबित हुई है, विपक्ष लाचार साबित हुआ है, अब लोग कहने लगे हैं, बिहार में बुखार ही बुखार है, नीतीशे कुमार है।
मंत्री की संवेदनहीनता
रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन SKMCH अस्पताल पहुंचे। इस दौरान उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे और बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे मौजूद थे। जिस वक्त केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन इस गंभीर मसले पर प्रेसवार्ता कर रहे थे उस दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे झपकी लेते कैमरे में कैद हो गए।
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Published June 17th, 2019 at 16:36 IST