Updated March 26th, 2020 at 15:42 IST

कोरोना का कहर : पिता की अर्थी को कंधा देने आए लोगों से बेटे ने कहा- 'अपने-अपने घर पर रहिए'

मृतक के पुत्र मुकेश ने बताया कि उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके चलते आज उनकी म्रत्यु हो गयी। मुकेश के मुताबिक उसने खुद लोगों इस अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया।

Reported by: Amit Bhardwaj
| Image:self
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उत्तरप्रदेश, आगरा:- कंधे पर पिता की अर्थी और अंतिम यात्रा में शामिल मुँह पर लगे मास्क के साथ चंद लोगों को साथ लेकर एक बेटा अपने पिता का अर्थी को शमशान घाट लेगया क्योंकि  कोरोना वायरस की दहशत काफी ज़्यादा है देश में। आपको बता दें कि इस शव यात्रा में चंद ही लोग इसलिए शामिल हुए क्योंकि कोरोना के प्रकोप को देखते हुए एक पिता की मौत के बाद उसके बेटे ने अपने रिश्तेदारों, सगेसंबंधियों और दोस्तो से हाथ जोड़ कर अपील कि की वो अंतिम संस्कार में शामिल न हो और सोशल डिस्टेंसिंग को फ़ॉलो करते हुए पुत्र परिवार के कुछ लोगों के अपने पिता के शव को अंतिम संस्कार के लिए ले गया।


मृतक के पुत्र मुकेश ने बताया कि उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे जिसके चलते आज उनकी म्रत्यु हो गयी। मुकेश के मुताबिक उसने खुद लोगों इस अंतिम संस्कार में आने से मना कर दिया। मुकेश के अनुसार उसके पिता की म्रत्यु का समाचार पाते ही  अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए काफी भीड़ एकत्रित हो गयी थी जिसके बाद मुकेश ने खुद उनसे हाथ जोड़ कर अपील की वो अपने अपने घरों को लौट जाएं क्योंकि कोरोना से बचना है तो सबको अपने घरों में रहना ज़रुरी है और कहीं पर भी भीड़ जमा नही होनी चाहिए।


मुकेश ने कहा कि दुनिया के कई देशों में महामारी बनकर कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस को लेकर देश मे भी हालात काफी खराब नजर आ रहे है और यह उसने इसलिए किया कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कोरोना वायरस को लेकर देश भर में लागू किये गए लॉकडाउन की अपील का असर कहीं टूट न जाये। मुकेश ने बताया की वह आगरा के शाहगंज क्षेत्र के भोगीपुरा इलाके का निवासी है और उसके 70 वर्षीय पिता की बीमारी के चलते आज सुबह मौत हो गयी थी उसके जब पिता की म्रत्यु हुई तो घर मे चीख पुकार मच गई और आसपास के लोग सांत्वना देने के लिए  घर पहुंचने लग गए। तभी उसने अपने परिवार के सदस्यों को पहले मास्क दिए और सांत्वना देने के लिए घर पहुंचे लोगों को पीएम मोदी की कोरोना को लेकर की गई अपील का ध्यान दिलाते हुए सभी से अपने अपने घर जा कर पिता की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करने को कहा। इसके बाद परिवार के नज़दीकी कुछ लोगों को मास्क लगाकर पिता का अंतिम संस्कार करने के लिए ताजगंज के शमशान घाट लेकर पहुंचा और वहां अंतिम संस्कार कर दिया गया।


मुकेश ने बताया कि एक तरफ पिता की मौत का गम और दूसरी ओर कोरोना जैसी महामारी के बीच उसने फैसला किया कि वो प्रधानमंत्री के आह्वान पर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेगा और सबको एक संदेश देगा कि किसी भी परिस्थिति में  कोरोना वायरस से बचाव ज़रूरी है। उसने कहा की अगर भीड़ इकठ्ठा होती और उसने कोई संक्रमित व्यक्ति शामिल हो जाता तो सब लोग कोरोना प्रभावित हो जाते क्योंकिं अगर में भी कई लोगों के पॉजिटिव होने के मामले सामने आए थे तो लोगों को जागरूक करने के लिए अथवा इस बीमारी से उन्हें दूर रखने के लिए उसने आज यह निर्णय लिया है। मुकेश के इस कठिन परिस्थितियों में यह फैसला लेना यह दर्शता है कि कोरोना वायरस से देश को बचाने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील और मुहीम लोगों तक पहुंच रही है और उन्हें उन्हें पूर्ण रूप से जागरूक भी कर रही है। 

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Published March 26th, 2020 at 15:42 IST

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