Updated March 7th, 2020 at 18:33 IST

CBI vs CBI : राकेश अस्थाना को मिली बड़ी राहत

सीबीआई के पूर्व स्पेशल डाइरेक्टर राकेश अस्थाना को दिल्ली की सीबीआई स्पेशल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है।

Reported by: Akhilesh Kumar Rai
PC-PTI | Image:self
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सीबीआई के पूर्व स्पेशल डाइरेक्टर राकेश अस्थाना को दिल्ली की सीबीआई स्पेशल कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष सीबीआई जज संजीव अग्रवाल ने सीबीआई की उस चार्जशीट को स्वीकार कर लिया जिसमें भ्रष्टाचार के आरोप में सीबीआई के तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना को क्लीनचिट दी गयी है। सीबीआई की चार्जशीट में राकेश अस्थाना के साथ तत्कालीन डीएसपी देवेन्द्र कुमार को भी क्लीनचिट दी गई है। भ्रष्टाचार के आरोप में देवेन्द्र कुमार को गिरफ्तार भी किया गया था। 

सीबीआई की विशेष अदालत ने चार्जशीट पर संज्ञान लेते हुए आरोपी मनोज प्रसाद सुनील मित्तल और सोमेश्वर को समन जारी कर 13 अप्रैल को अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। विशेष सीबीआई जज संजीव अग्रवाल ने अपने आदेश में कहा कि राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार के खिलाफ पर्याप्त सुबूत सीबीआई को नहीं मिले हैं। कोर्ट ने ये भी  कहा है कि जिन लोगों के खिलाफ जांच चल रही है अगर उनके खिलाफ सबूत मिलते हैं  तो सीबीआई एडिशनल चार्जशीट दाखिल कर सकती है।

अदालत ने धोखाधड़ी, आपराधिक षड्यंत्र और पीसी एक्ट की धारा 8 के तहत मनोज प्रसाद और सोमेश प्रसाद के खिलाफ आरोपों का संज्ञान लिया है। जबकि आरोपी मनोज प्रसाद का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर चार्जशीट में शामिल किया गया था।

दरअसल सीबीआई के तत्कलीन निदेशक आलोक वर्मा और नंबर दो की पोजीशन पर रहे राकेश अस्थाना के बीच विवाद सरेआम हो जाने के बाद इन दोनो अधिकारियों ने एक दूसरे के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। इस विवाद पर सरकार ने कार्वाई करते हुए दोनों अधिकारियों को छुट्टी पर भेज दिया और नागेश्वर राव को अंतरिम निदेशक बनाया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आलोक वर्मा को फिर बहाल तो कर दिया गया  लेकिन बाद में सरकार ने आलोक वर्मा का तबादला कर दिया  जिससे नाराज होकर आलोक वर्मा ने इस्तीफा दे दिया था।

राकेश अस्थाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद अस्थाना ने दावा किया था कि आलोक वर्मा के इशारे पर उनके खिलाफ मनगढ़ंत एफआईआर दर्ज की गई है। दरअसल मीट कारोबारी सतीश सना से दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के मामले में 15 अक्टूबर 2018 को सीबीआई ने तत्कालीन विशेष निदेशक राकेश अस्थाना व डीएसपी देवेंद्र कुमार के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी। एफआईआर को रद्द करने की मांग को लेकर राकेश अस्थाना और देवेन्द्र कुमार हाईकोर्ट गए लेकिन राहत नहीं मिली। हाईकोर्ट ने इनकी याचिका खारिज करते हुए सीबीआई को इन आरोपों की जांच करने का आदेश दिया था।

राकेश अस्थाना और देवेंद्र कुमार पर आरोप लगा था कि  उन्होंने हैदराबाद के व्यापारी सतीश बाबू सना को राहत देने के लिए रिश्वत ली थी इस मामले पर दोनों के खिलाफ सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की थी. यहां तक कि डीएसपी देवेंद्र कुमार को इस मामले में सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. बाद में निचली अदालत से डीएसपी देवेंद्र कुमार को जमानत मिल गई थी। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सीबीआई को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने सीबीआई से पूछा था कि जांच के दौरान सीबीआई के पूर्व स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर लाई डिटेक्टर टेस्ट क्यों नहीं कराया गया। स्पेशल कोर्ट ने सीबीआई को मामले के संबंध में केस डायरी लाने को कहा था। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई ने अपने ही विभाग के एक डीएसपी को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन बड़ी भूमिका वाले बड़े अधिकारी को छूट दी।.

 

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Published March 7th, 2020 at 18:33 IST

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