Updated April 2nd, 2020 at 21:24 IST

दिल्ली: लॉकडाउन में बसें चलाने का मामला, पुलिस ने DTC ड्राइवरों के खिलाफ केस किया दर्ज

लॉकडाउन होने के बावजूद दिल्ली में कुछ लोग और मज़दूर अपने घरों से 28 तारीख को अपने मूल स्थानों पर जाने के लिए सड़कों पर निकल आए थे।

Reported by: Amit Bhardwaj
| Image:self
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कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन का ऐलान किया गया है। सरकार लोगों से अपील कर रही है कि कोई भी शख्स अपने घर से बाहर ना निकले। इस दौरान पूरे देश में लॉकडाउन होने के बावजूद दिल्ली में कुछ लोग और मज़दूर अपने घरों से 28 तारीख को अपने मूल स्थानों पर जाने के लिए सड़कों पर निकल आए थे। उसके बाद बिना सोशल डिस्टेंसिंग फॉलो किए आनंद विहार पर तकरीबन 25 हज़ार से ज़्यादा लोगों का जमघट लग गया।

वहीं अब इस मामले की पूरी तफ्तीश करते हुए पुलिस ने आनंद विहार पर लॉकडाउन के बावजूद डीटीसी और कलस्टर बसों से लोगों के पहुंचे के मामले में डीटीसी और क्लस्टर बसों के ड्राइवरों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

एफ.आई.आर के मुताबिक बीते रविवार को आईटीओ पुल पर कुछ पुलिसकर्मी तैनात थे जिनकी ड्यूटी पिकेट वैन में थी। पुलिसकर्मी की मिली शिकायत के मुताबिक वह रविवार को सुबह 6 बजे से आईटीओ पुल के पास पिकेट वैन की ड्यूटी पर मौजूद थे और उनके साथ ए.एस.आई दीपचन्द भी ड्यूटी पर थे।

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शिकायतकर्ता मुकेश के मुताबिक जब सुबह 7 बजे उन्होंने कुछ डीटीसी और क्लस्टर बसों जिनके ऊपर एसेंशियल सर्विस के स्टीकर लगे थे उन्हें प्रवासी श्रमिकों को ले जाते हुए देखा गया जिसके बाद उन्होंने बसों को रोका और पूछताछ की। तब बसों के कंडक्टरों और ड्राइवरों ने कहा कि हमें ऊपर से हुकुम है इनको आनंद विहार छोड़ने है। 

जिसके बाद दिल्ली पुलिस ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत मामला दर्ज किया। बताया जा रहा है कि इनमें वो लोग भी शामिल थे जो तब्लीगी जमात के कार्यक्रम में मौजूद थे।

इस घटना से साफ जाहिर है की लॉकडाउन को दिल्ली परिवहन द्वारा साफ नज़रअंदाज़ किया गया और फिर इतनी स्थिति खराब होने के बावजूद भी दिल्ली सरकार की बसें लोगों को भर-भर कर लाती रहीं। यह जानते हुए भी उनकी इस गलती से पूरे देश कोरोना संक्रमण फैल सकता है और उससे पूरा देश बीमार हो सकता है।
 

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Published April 2nd, 2020 at 21:24 IST

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