Updated April 24th, 2024 at 15:16 IST
फेक इंडियन करेंसी के साथ अफ्रीका के दो नागरिक गिरफ्तार, 24 लाख से ज्यादा जाली नोट बरामद
अफ्रीका के कैमरून के दो विदेशी नागरिकों को नकली भारतीय करेंसी के साथ गिरफ्तार किया गया है
- देश
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साहिल भांबरी
अफ्रीका के कैमरून के दो विदेशी नागरिकों को नकली भारतीय करेंसी के साथ गिरफ्तार किया गया है इनके कब्जे से 24,40,000 रुपये की नकली करेंसी बरामद की गई। जालसाजों के पास से धोखाधड़ी देने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीन भी बरामद की गई है
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साउथ वेस्ट जिले के वसन्त कुंज साउथ पुलिस को 19 अप्रैल 2024 को धोखाधड़ी की एक शिकायत मिली, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि दो विदेशी नागरिक (कैमरून के नागरिक) जिनके नाम कामदेउ कोलबर्ट और कामलेउ निया एलेन हैं, 500 रुपये के नकली भारतीय नोटों का इस्तेमाल करके उन्हें धोखा देने की कोशिश कर रहे हैं।
शिकायतकर्ता द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच की गई। शिकायतकर्ता ने खुलासा किया कि कथित जोड़ी जल्द ही महिपालपुर में उनके कार्यालय आने वाली है। तुरंत आरोपियों को पकड़ने के लिए महिपालपुर में जाल बिछाया गया। कुछ ही देर में, धोखेबाज अपने उपकरणों के साथ वहां पहुंच गए और मौके पर ही पकड़े गए। जांच करने पर उस सफेद बक्से में 500 रुपये के मूल्यवर्ग में 24,40,000 रुपये के नकली भारतीय करेंसी नोट पाए गए।
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उनके कब्जे से एक सफेद बक्सा और एक बड़ा बक्सा बरामद किया गया जो नकली करेंसी सक्रिय करने वाली मशीन के रूप में काम करता था। जांच करने पर उस सफेद बक्से में 500 रुपये के मूल्यवर्ग में 24,40,000रुपये के नकली भारतीय करेंसी नोट पाए गए। आगे की पूछताछ के दौरान आरोपियों ने अपनी पहचान कामदेउ कोलबर्ट उर्फ लाज़ारे फोत्सो पुत्र यामहा डेविड निवासी कैमरून अफ्रीका उम्र 46 वर्ष और कामलेउ निया एलेन पुत्र निया मौरिका निवासी कैमरून अफ्रीका उम्र 48 वर्ष के रूप में बताया। एफआईआर 489A/489B/489C/34 IPC के तहत वसंत कुंज थाना उत्तर में मामला दर्ज किया गया और दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने खुलासा किया कि वे अफ्रीका के कांगो में अपने सहयोगियों की मदद से लोगों को व्यापार में निवेश करने के लिए लुभाते थे। कांगो में उनके सहयोगी ने शिकायतकर्ता से टेलीफोन पर संपर्क किया और उसे उसके साथ व्यापारिक संबंध विकसित करने का लालच दिया। शिकायतकर्ता ने शुरू में उन पर भरोसा किया।उनके सहयोगी बरहुरिस मलिक ने शिकायतकर्ता से कहा कि वह दो राजनयिकों से उसका परिचय करवाएगा।
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बाद में आरोपी कामदजेउ कोलबर्ट उर्फ लाज़ारे फोत्सो औरकामलेउ नीला एलेन ने दिल्ली में शिकायतकर्ता से मुलाकात की और उससे कहा कि वे उसे दूतावास द्वारा बनाए गए 1 करोड़ रुपये के मुद्रा भंडार दिलवा सकते हैं, जो वास्तव में बरहुरिस का है, लेकिन उस पर सरकारी मुहर लगी हुई है। 4 अन्य मुद्रा नोटों से स्टाम्प हटाने के लिए कुछ रसायन और 500 रुपये का एक मूल मुद्रा नोट चाहिए।
शिकायतकर्ता को 25 लाख रुपये का इंतजाम करना था ताकि वे 1 करोड़ रुपये की राशि के मुद्रा नोटों से स्टाम्प हटा सकें और उसका आगे इस्तेमाल कर सकें। उन्होंने शिकायतकर्ता के साथ उसके कार्यालय में बैठक की और शिकायतकर्ता को दिखाने के लिए एक बक्से में नकली नोट लाए तथा एक मशीन भी दिखाई, जिसका उपयोग स्टाम्प क्लियर करने के लिए किया जाना था। जब वे महिपालपुर पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया और उनकी योजना विफल हो गई। आरोपियों ने नकली नोटों का उपयोग करके शिकायतकर्ता को धोखा देने की साजिश रची थी। इसके अलावा यह भी पता चला कि आरोपियों ने खुद ही नकली नोट छापे थे। घटना की जानकारी आईबी और अन्य राष्ट्रीय एजेंसियों के साथ साझा की गई है।
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Published April 24th, 2024 at 15:16 IST
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