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Updated December 13th, 2018 at 20:19 IST

मध्यप्रदेश में कौन पहनेगा CM का ताज ? कमलनाथ और सिंधिया के नाम पर अभी भी संशय

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. कांग्रेस के खाते सबसे ज्यादा सीटें गईं. ऐसे में कांग्रेस को 15 साल बाद यहां सरकार बनाने का मौका मिला है.

Reported by: Ayush Sinha
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मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के किले पर कांग्रेस ने जीत का परचम लहरा दिया है. ऐसे में फिलहाल तीनों ही राज्यों में मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर अभी पार्टी आलाकमान की मुहर नहीं लगी है. ऐसे में हर किसी को इंतजार है कि इन तीनों राज्यों में सीएम कौन बनेगा. हर कोई टक-टकी लगाए बैठा है. कांग्रेस के लिए ये फैसला कर पाना किसी बड़ी चुनौती से कम नहीं है.

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. फैसले में कांटे की टक्कर के बीच कांग्रेस के खाते सबसे ज्यादा सीटें गईं. ऐसे में कांग्रेस को 15 साल बाद यहां सरकार बनाने का मौका मिला है. लेकिन मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर बना सस्पेंस यहां भी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. 

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में कांग्रेस का 15 सालों तक चला वनवास खत्म हो चुका है. ऐसे में सीएम की गद्दी पर बैठने के लिए रेस फिलहाल यहां भी जारी है. हालांकि सूत्रों के हवाले से मिली ख़बर के मुताबिक राज्य में मुख्यमंत्री के लिए नाम लगभग तय हो चुका है. इस रेस में सबसे आगे पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ का नाम चल रहा है. 

हालांकि सीएम की दौड़ में शामिल ज्योतिरादित्य सिंधिया भी प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं. शायद यही वजह है कि सिंधिया ने ट्वीट करके एक बार फिर सस्पेंस बरकरार रखा है.

अने ट्वीट में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने लिखा है, ''कांग्रेस के नवनिर्वाचित विधायकों के साथ आज हुई बैठक के पश्चात, सर्व सहमति से यह फ़ैसला लिया गया है कि मध्यप्रदेश में सरकार के नेतृत्व का निर्णय पार्टी की आलाकमान तय करेगी. हम उनके निर्णय को सर माथे रख कर उसका पालन करेंगे!''

सीएम की कुर्सी के लिए फिलहाल कांग्रेस आलाकमान ने कोई घोषणा नहीं की है. अब तक कमलनाथ का नाम लगभग तय माना जा रहा था कि इस बीच सिंधिया के ट्वीट ने एक बार फिर सभी को उलझन में डाल दिया है. लेकिन इन सबके बीच इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि मध्यप्रदेश में सीएम के सिंहासन के लिए कमलनाथ प्रबल दावेदार हैं.

कमलनाथ का राजनीतिक सफर...

मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए रेस में सबसे आगे चल रहे कमलनाथ को एक परफेक्ट राजनेता के तौर पर देखा जा रहा है. कमलनाथ कांग्रेस के काफी पुराने और कद्दावर नेता हैं. कमलनाथ पहली बार 1980 में कांग्रेस से सांसद बने थे. और साल 2014 में वो मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा लोकसभा क्षेत्र से 9वीं बार सांसद चुने गए हैं. इस दौरान कमलनाथ को 4 बार केंद्र सरकार में मंत्री चुना जा चुका है. 

कमलनाथ का जन्म उत्तरप्रदेश के कानपुर में हुआ और उन्होंने अपनी पढ़ाई पश्चिम बंगाल के कोलकाता से की है. उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से B.Com की पढ़ाई की है. कमलनाथ पहली बार 1980 में लोकसभा सांसद चुने गए थे. उसके बाद 1985, 1989, 1991 तक लगातार लोकसभा चुनाव जीतते रहे. 1991 में वो पहली बार केंद्रीय मंत्री बने.

1995 से 1996 के बीच भी वो केंद्रीय मंत्री रहे. इसके बाद 1998 में 12वीं लोकसभा और 1999 में तेरहवीं लोकसभा के लिए चुने गए. 2001 से 2004 तक वो कांग्रेस पार्टी के जनरल सेक्रटरी भी रहे. 2004 के लोकसभा चुनाव में वो एक बार फिर सांसद चुने गए और 2004 से 2009 तक कैबिनेट मंत्री भी रहे. 2009 में वो 8वीं बार लोकसभा पहुंचे और कैबिनेट में शामिल हुए. 2012 में उन्होंने शहरी विकास मंत्रालय का कार्यभार भी संभाला.

कमलनाथ को गांधी परिवार का बेहद करीबी माना जाता है. जो उनके सीएम बनने के लिए बड़ा फैक्टर साबित हो सकता है.

ज्योतिरादित्य सिंधिया के सफर पर एक नज़र..

ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर राजघराने से आते हैं. वो ग्वालियर के महाराजा माधव राव सिंधिया के बेटे हैं. हालांकि माधव राव सिंधिया की दो बहनें यानी ज्योतिरादित्य की बुआ वसुंधरा राजे सिंधिया और यशोधरा राजे सिंधिया भारतीय जनता पार्टी की बड़ी नेता हैं. वसुंधरा राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और यशोधरा मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री रहीं हैं.

जानकारी के मुताबिक ज्योतिरादित्य के पिता ने अपनी मां से बगावत करके कांग्रेस का हाथ थामा था. वो कांग्रेस सरकार में कई बार केंद्रीय मंत्री रहे. 

ज्योतिरादित्य पहली बार साल 2002 में सांसद चुने गए थे. उसके बाद 2004 में वो दूसरी बार लोकसभा पहुंचे. इस दौरान साल 2008 में कांग्रेस के मंत्रीमंडल विस्तार के दौरान सिंधिया को पहली बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाया गया. उनको सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री चुना गया.

2009 में वो एक बार फिर यानी तीसरी बार सांसद चुने गए. जिस दौरान वो एक बार फिर केंद्रीय मंत्री बने. हालांकि सबसे खास बात ये रही कि सिंधिया ने 2014 में चल रही मोदी लहर के बीच मध्यप्रदेश की गुना सीट पर जीत का परचम लहराया था. जिसके बाद वो अक्सर राहुल गांधी के साथ संसद में दिखाई देते हैं.

कांग्रेस सिंधिया को युवा चेहरे के तौर पर सीएम की कुर्सी पर आगे कर सकती है.

फिलहाल सस्पेंस बरकरार है और हर किसी को इसी बात का इंतार है कि मध्यप्रदेश में सीएम के सिंहासन पर कौन विरजमान होगा.. ज्योतिरादित्य सिंधिया या फिर कमलनाथ

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Published December 12th, 2018 at 21:38 IST

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