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Updated November 22nd, 2018 at 10:17 IST

रविंद्र रैना बोले, 'हम चाहते हैं लोकसभा चुनाव के साथ हो जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव'

जम्मू-कश्मीर की मौजूदा विधानसभा को राज्यपाल के द्वारा भंग कर दिया गया है.

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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जम्मू-कश्मीर की मौजूदा विधानसभा को राज्यपाल के द्वारा भंग कर दिया गया है. राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जम्मू कश्मीर के संविधान के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत यह कार्रवाई की गई है. वहीं अब जम्मू-कश्मीर में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रविंद्र रैना ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि 'भारतीय जनता पार्टी ने अपने मौजूदा विधायकों की आज मीटिंग बुलाई है. जिसमें हम आगे की रणनीति पर चर्चा करेंगे. हम ये चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराए जाए.' 

इससे पहले रविंद्र रैना ने राज्यपाल द्वारा विधानसभा को भंग करने का समर्थन किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था, 'एक बार फिर नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी राजनीतिक षड़यंत्र कर रही है. ये लोग जम्मू और लद्दाख के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं.'

इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने गठबंधन कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इस गठबंधन में पीडीपी, एनसी और कांग्रेस शामिल थे. राज्य में हालिया राजनीतिक घटनाओं के चलते पीडीपी की मेहबूबा मुफ्ती और एनसी के उमर अब्दुल्ला विरोधी से दोस्त बन गए.

बता दें, राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने धारा 53 के तहत विधानसभा भंग किया है. पीडीपी ने एनसी और कांग्रेस के साथ सरकार बनाने का दावा पेश किया था. इसके साथ ही पीडीपी में बगावत की खबरें भी सामने आई थी. कुछ विधायकों ने गठबंधन सरकार बनाने का विरोध किया था.

जम्मू कश्मीर विधानसभा भंग किए जाने के बाद महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा है कि, 'एक राजनेता के रूप में मैंने अपने 36 साल के राजनीतिक करियर में इस तरह की स्थिती नहीं देखी है ! मैं हमारे सहायता के लिए उमर अब्दुल्ला और अंबिका सोनी जी के प्रति दिल से आभार व्यक्त करना चाहती हूं.''

इसके साथ ही महबूबा मुफ्ती ने कहा, 'पिछले पांच महीनों से राजनीतिक उथल पुथल के बावजूद हमने मांग कि की खरीद-फरोख्त को रोकने के लिए विधानसभा तुरंत भंग कर दिया जाए. लेकिन हमारी अपील पर ध्यान नहीं दिया गया.'

वहीं अब देखने वाली बात होगी की कश्मीर में विधानसभा चुनाव क्या लोकसभा चुनाव के साथ होते हैं या फिर राज्य में राज्यपाल शासन ही लागू रहता है. गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही जम्मू-कश्मीर में बीजेपी-पीडीपी गठबंधन टूट गया था. बीजेपी ने पीडीपी पर विकास कार्यों में रोक लगाने को लेकर कई गंभीर आरोप लगाते हुए उन्होंने पीडीपी से अपना गठबंधन तोड़ लिया था तब से ही जम्मू-कश्मीर में राज्यपाल शासन लागू है. 

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Published November 22nd, 2018 at 10:17 IST

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