Updated September 13th, 2018 at 21:11 IST
पीएम रहते मनमोहन सिंह ने की थी माल्या की ऐसी मदद कि लेटर लिखकर माल्या ने बोला था थैंक्यू, पढ़िए पूरा लेटर
लेटर से खुलासा - पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने लोन देने में विजय माल्या की मदद की थी. जिसके एवज में माल्या ने खुद चिट्ठी लिखकर धन्यवाद् भी दिया था.
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भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के द्वारा वित्त मंत्री अरुण जेटली को लेकर दिए बयान के बाद हंगामा जारी है. वहीं रिपब्लिक टीवी को मिले दस्तवेज के यह साफ जाहिर होता है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह ने लोन देने में विजय माल्या की मदद की थी. जिसके एवज में माल्या ने खुद चिट्ठी लिखकर धन्यवाद् भी दिया था.
विजय माल्या ने वर्ष 2010 में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को 'धन्यवाद नोट' लिखा है. जिससे पता चलता है कि पीएमओ ने माल्या की मदद के लिए लॉबिंग की थी.
भगोड़े विजय माल्या ने खुद चिट्ठी लिखकर ' पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के हस्तक्षेप से किंगफिशर एयरलाइंस को मिली राहत के लिए' धन्यवाद् भी दिया था.
विजय माल्य ने इस नोट में आगे लिखा ''आपके द्वारा किंगफिशर एयरलाइंस को मिले पॉजिटिव रिस्पांस और स्पोट की वजह से मुझे बहुत राहत मिली है . किंगफिशर एयरलाइंस हमारे देश में बड़ी एयरलाइंस है. जो रोजाना 60 डेस्टिनेशन में 360 उड़ानें संचालित करता है.
बता दें यह नोट वर्ष 2010 में लिखा गया था. जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री ने विजय माल्या को अपने सलाहकार टीकेए नायर के साथ आगे की कार्यवाही हल करने लिए कहा था.
विजय माल्या द्वारा लिखे गए इस नोट में आगे लिखा गया है कि, आपने मुझे टीके नायर के साथ आगे की कार्यवाही के लिए कहा था . जो मैंने किया था. इसके लिए मैं आपका धन्यवाद करता हूं. श्री नायर ने तुरंत ही मंत्रालयों में संबंधित लोगों से बात की थी.
इसके बाद इस नोट में विजय माल्य ने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से अपने नए मामलों में तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की और कहा कि , मैं आपसे निवदेन करता हूं कि एफडीआई नीति पर विचार करे जिससे विदेशी एयरलाइंस क भारतीय वाहकों में निवेश करने में दिक्कतें आती है.
इधर, एक दिन पहले ही रिपब्लिक भारत ने आपने पाठको को बताया था कि कैसे तत्कालिन कांग्रेस सरकार और विजय माल्य के बीच सीक्रेट डील हुई थी .
27 अगस्त 2010 को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 18 पन्नों का लेटर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन को लिखी गई . जो इस बात का खुलासा करता हैं कि कैसे तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने किंगफिशर एयरलाइंस के लिए नियमों में बदलाव किए थे.
साथ ही आरबीआई और एसबीआई के बीच आदान - प्रदान पत्रों से यह साफ पता चलता है कि कैसे किंगफिशर एयरलाइंस को लोन के लिए होने वाली वित्तीय कठिनाइयों के लिए छूट दिया गया था.
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Published September 13th, 2018 at 21:06 IST
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