Updated May 14th, 2021 at 07:45 IST
VIDEO: 'कोरोना को भी है जीने का अधिकार', पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के बयान पर कांग्रेस ने कसा तंज
उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है।
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उत्तराखंड के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को कोरोना वायरस को लेकर एक अजीबोगरीब बयान दिया है। उन्होंने एक स्थानीय मीडिया से बात करते हुए कह दिया कि कोरोना वायरस को 'जीने का अधिकार' है। रावत ने आगे कहा कि वायरस जीवित रहने के लिए अपना रूप बदल रहा है।
"वायरस को जीने का अधिकार है'- रावत
रावत ने देहरादून में एक स्थानीय समाचार चैनल से बात करते हुए कहा कि, "कोरोना वायरस हमारी तरह एक जीवित चीज है। हमें लगता है कि हम सबसे बुद्धिमान हैं। यह (कोरोना वायरस) जीना चाहता है और इसे जीने का अधिकार है। हम इसके पीछे पड़े हैं (इसे मारने के लिए)। इसलिए यह बचाने के लिए अपना रूप बदलता है। ये एक बहरूपिया है।"
वहीं पूर्व सीएम के इस बयान की हर ओर आलोचना हो रही है। लोग उनपर कटाक्ष कर रहे हैं। वहीं कांग्रेस नेता श्रीनिवास बीवी ने कहा, "तब (वायरस) के पास आधार कार्ड और राशन कार्ड भी होना चाहिए?"। वहीं ट्विटर पर कई यूजर्स ने पूर्व CM का यह कहते हुए मजाक उड़ाया कि 'अगले साल स्कूल और कॉलेज में भी वायरस आएंगे।'
वहीं एक ट्विटर यूजर ने लिखा कि, 'जहां एक तरफ देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है वहीं दूसरी तरफ भाजपा शासित उत्तराखंड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री इस तरह के बयान दे रहे हैं जो सही नहीं है।' वहीं रावत के उत्तराधिकारी, तीरथ सिंह रावत ने अप्रैल में महाकुंभ के दौरान कोरोना के खतरे को खारिज करते हुए कहा था कि, "विश्वास ही वायरस के डर को दूर करेगा"। रावत ने मरकज घटना और महाकुंभ के बीच तुलना से भी इनकार कर दिया था - उन्होंने कहा था कि, ये (कुंभ) घटना एक सुपर स्प्रेडर नहीं है।
CM तीरथ ने कहा था कि, "मरकज एक बंद जगह में, कोठी जैसी जगह में आयोजित किया गया था, जबकि कुंभ गंगा के विशाल घाटों पर खुले में आयोजित किया जा रहा है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कुंभ गंगा नदी के तट पर है। मां गंगा का आशीर्वाद प्रवाह में है। इसलिए, कोरोना नहीं होगा। कुंभ में शामिल होने वाले भक्त बाहर से नहीं बल्कि हमारे अपने लोग हैं।"
हाल ही में उत्तराखंड में हुए महाकुंभ मेले में 30 लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया था। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड में 31 मार्च से 24 अप्रैल के बीच COVID-19 मामलों में 1,800% वृद्धि दर्ज की गई थी। फिलहाल राज्य में लॉकडाउन लगाया गया है। नए नियमों के अनुसार, फल, सब्जियां और डेयरी आइटम बेचने वाली दुकानें सुबह 7 बजे से सुबह 10 बजे तक खुली रहेंगी। COVID-19 टीकाकरण जारी रहेगा और लोग इसका प्रमाण दिखाने के बाद अपने निजी वाहनों, टैक्सियों आदि का उपयोग करके टीकाकरण केंद्र जा सकेंगे। वहीं सभी शॉपिंग मॉल, मार्केट कॉम्प्लेक्स, जिम, थिएटर, असेंबली हॉल, बार, शराब की दुकानें अगले आदेश तक बंद रहेंगी।
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Published May 14th, 2021 at 07:45 IST
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