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Updated September 14th, 2018 at 11:13 IST

'चाहे बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या.. एक-एक को छांट-छांट कर सीमा से बाहर किया जाएगा: CM त्रिवेंद्र सिंह रावत

त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश में 'अवैध' रूप से रह रहे लोगों को लेकर बयान दिया है. रावत ने भारत में अवैध रूप से रह रहे रोहिंग्याओं पर बांग्लादेशियों को ..

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों को लेकर बयान दिया है. त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भारत में रह रहे अवैध रूप से रोहिंग्याओं और बांग्लादेशियों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की है. त्रिवेंद्र सिहं रावत ने कहा है कि, ''किसी घुपैठिए को चाहे बांग्लादेशी हो या रोहिंग्या हो .. एक-एक को छांट-छांट कर सीमा से बाहर किया जाएगा.'' इसके साथ उन्होंने कहा, ''मैं उत्तराखंड की जनता से कहना चाहूंगा कि कहीं पर आपको ऐसी संदिग्ध व्यक्ति लगते हैं तो आप सरकार को सूचित करें. हम एक-एक को बाहर कर देंगे.'' देश में अवैध घुसपैठीयों को लेकर राजनीति तेज होती जा रही है.

एक हफ्ते में ये दूसरा ऐसा मौका है जब बीजेपी के किसी वरिष्ठ नेता ने अवैध घुसपैठियों को लेकर बयान दिया हो. इससे पहले राम माधव और असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल भी इसपर बयान दे चुके हैं. 

बता दें, असम में नैशनल रजिस्टर ऑफ  सिटिजन की पहली लिस्ट जनवरी 2018 में जारी की गई थी. जिसमें असम के 1 करोड़ 90 लाख लोगों के नाम थे. वहीं दूसरी और फानइल ड्राफ्ट जुलाई के महीने में रिलीज की गई थी. जिसमें 3 करोड़ 29 लाख लोगों में से 2 करोड़ 89 लाख लोगों के नाम थे. जिसमें 40 लाख लोगों के नाम नहीं थे जिसके बाद से ही पूरे देश में राजनीतिक बवाल शुरू हो गया है. इसी के संदर्भ में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने अपना बयान दिया है. वहीं बीजेपी कुछ नेता पूरे देश में NRC को करवाने की मांग भी कर चुके हैं. NRC का मुख्य मकसद भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान करनी है.  

कुछ दिन पहले NRC के मुद्दे पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने कहा था कि नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन के बाद तीन चीजें होंगी डिटेक्ट, डिलीट और डिपोर्ट. NRC से अवैध रूप से रह रहे लोगों की पहचान की जाएगी. उसके बाद उन लोगों के नामों को वोटर आई कार्ड से डिलीट कीए जाएंगे और उन्हें सरकारी योजनाओं से बाहर किया जाएगा.. और तीसरा स्टेज उनको यहां से डिपोर्ट करना होगा. 

असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा था कि 'भारत में अवैध रूप से रह रहे लोग हमारे लिए एक चुनौती हैं. NRC को अब पूरे देश में लागू करना चाहिए.. इसके जरिए हम भारतीय लोगों को प्रोटेक्ट कर सकेंगे.'

वहीं इस पूरे मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा हैं. ममता बनर्जी को कांग्रेस पार्टी एवं अन्य विपक्षी पार्टियों का साथ मिला हुआ है. बीजेपी का कहना है कि ममता बनर्जी राजनीतिक लाभ के लिए NRC का विरोध कर रही हैं.

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Published September 14th, 2018 at 10:44 IST

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