Updated June 26th, 2022 at 23:48 IST
UP By Election 2022: अखिलेश के गढ़ में दिनेश लाल यादव ने लगाई सेंध, सपा का 'किला' भेद 'निरहुआ' ने दोहराया स्मृति ईरानी का 'खेल'
UP By Election 2022: उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भाजपा (BJP) ने सपा (Samajwadi Party) के 'किले' पर जीत का परचम लहराया है।
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UP By Election 2022: उत्तर प्रदेश के उपचुनाव में भाजपा (BJP) ने सपा (Samajwadi Party) के 'किले' पर जीत का परचम लहराया है। इस बीच दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav) ने सपा प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के 'गढ़' आजमढ़ (Azamgarh By Election Result 2022) में जीत का झंडा गाड़ दिया है। लोगों का कहना है कि उपचुनाव में इस जीत के साथ 'निरहुआ' ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani) का खेल दोहरा दिया है। दिनेश लाल यादव (Dinesh Lal Yadav Wins Azamgarh By Election) ने सपा के उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव निरहुआ को 10 हजार वोटों के अंतर से हराया है।
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दिनेश लाल यादव ने स्मृति ईरानी का इतिहास दोहरा दिया है। दरअसल अमेठी (Smriti Irani in Amethi) को कांग्रेस (Congress) का गढ़ माना जाता रहा है। यहां से कांग्रेस को हमेशा जीत मिलती रही है। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा की स्मृति ईरानी ने वो कर दिखाया जो करना आसान नहीं था।
जब कांग्रेस के गढ़ अमेठी में स्मृति ईरानी ने ठोका ताल..
दरअसल अमेठी सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस को मात दी थी। अमेठी से भाजपा सांसद ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ चुनाव लड़ीं थीं। इससे पहले 2014 में भाजपा नेता ईरानी राहुल गांधी के खिलाफ खड़ी हुईं लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। हालांकि केंद्रीय मंत्री बनने के बाद एकबार फिर से स्मृति ईरानी ने अमेठी से 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा, जहां जनता ने उन्हें अपना नेता चुना। कुछ ऐसी ही तस्वीर यूपी के आजमगढ़ और रामपुर की रही। दरअसल आजमगढ़ को सपा का किला माना जाता रहा है। इसका एक कारण मुसलमानों और यादवों की जनसंख्या बाहुल्य को माना जाता है।
2019 के लोकसभा चुनाव में दिनेश लाल यादव को मिली शिकस्त
साल 2019 में निरहुआ ने अखिलेश यादव के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था लेकिन वो हार गए। वहीं इस बार इस जीत के साथ सपा के 'किले' को ढहा दिया है। 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को जीत मिली और योगी आदित्यनाथ फिर से मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। इसके बावजूद भी आजमगढ़ के 10 विधानसभा सीटों में से भाजपा के हाथ कुछ नहीं आया। ऐसे में आजमगढ़ में भाजपा की जीत यकीनन पार्टी के लिए बड़ी कामयाबी है।
जीत मिलने के बाद भाजपा नेता दिनेश लाल यादव ने अपनी मां का आशीर्वाद लिया जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर देखी जा रही है। भाजपा नेता ने अपनी इस जीत पर कहा कि यह आजमगढ़ की उम्मीद की जीत है। अखिलेश यादव को पता था कि वे यहां नहीं जीत पाएंगे इसलिए वे यहां प्रचार करने नहीं आए। आजमगढ़ भाजपा का गढ़ हो चुका है, चप्पा-चप्पा भाजपा हो चुका है।
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Published June 26th, 2022 at 23:48 IST
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