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Updated November 14th, 2018 at 22:59 IST

अयोध्या में पहला भाषण हिंदी मेंदेने के लिए उद्धव ठाकरे ने कसी कमर

ठाकरे परिवार के पहले सदस्य उद्धव होंगे जो अयोध्या जा रहें हैं. चुनाव नजदीक हैं और शिवसेना ने राम मंदिर को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया हैं ..

Reported by: Dinesh Mourya
| Image:self
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राम मंदिर आंदोलन अब अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया हैं. शिवसेना की सालाना दशहरा रैली में पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने ऐलान किया था कि, वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे. पिछले 3 दशकों से शिवसेना मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रही हैं. शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे के नेतृत्व मे शिवसेना ने एक बड़ा अभियान भी चलाया था. 

गौरतलब हैं कि, बाबरी मस्जिद के ध्वस्त होने के बाद जहां तमाम बड़े बीजेपी, VHP और स्वंयघोषित हिंदू मसीहाओं ने बाबरी विध्वंस की जिम्मेदारी लेने से मना कर दिया था तब बाल ठाकरे एकलौते ऐसे नेता थे जिन्होंने सरेआम कहा था कि, अगर शिवसैनिकों ने बाबरी गिराई हैं तो उन्हें उनपर अभिमान हैं. बाल ठाकरे राम मंदिर के लिए इतनी लंबी लड़ाई लड़ी लेकिन कभी वो अयोध्या नहीं जा पाए.

ठाकरे परिवार के पहले सदस्य उद्धव होंगे जो अयोध्या जा रहें हैं. चुंकि, चुनाव नजदीक हैं और शिवसेना ने राम मंदिर को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया हैं तो ऐसे में शिवसेना भी उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे को एक ग्रैंड इवेंट बनाने की कोशिश कर रही हैं. शिवसेना का दावा हैं की एक लाख से ज्यादा शिवसैनिक पूरे महाराष्ट्र से अयोध्या आयेंगें. उद्धव के आने के एक हफ्ते पहले ही शिवसेना के तमाम अन्य बड़े नेता अयोध्या पहुंच जाएंगे ताकि सारी तैयारियां वक्त से पहले पूरी हो जाए.

उद्धव 24 नवंबर को अयोध्या पहुंचेंगे और शाम के वक्त सरयू आरती में हिस्सा लेंगें और 25 नवंबर के दिन वो सुबह 9 बजे के करीब राम लल्ला के दर्शन करेंगे. इसके बाद वो मीडिया से मुखातिब होंगें और दोपहर को एक जनसभा को संबोधित करेंगें. उद्धव का भाषण हिंदी में होने वाला हैं और महाराष्ट्र के बाहर इसलिए तमाम शिवसैनिकों इस भाषण को लेकर जबरदस्त उत्साह हैं.

उद्धव की मराठी और हिंदी भाषा पर अच्छी पकड़ हैं. लेकिन आजतक उद्धव ने कभी भी हिंदी मे लंबा भाषण नहीं दिया हैं और यह पहला ही मौका हैं जब उद्धव महाराष्ट्र के बाहर और गैर मराठी लोगों के सामने भाषण देने वाले हैं.

उद्धव को इस बात का अहसास हैं की राम मंदिर एक ऐसा चुनावी हथियार है जिसके सहारे वह ना सिर्फ जनता के करीब आना चाहते हैं बल्कि दोस्त से दुश्मन बने बीजेपी के हाथ से इस मुद्दे को हथियाना चाहतें हैं. पूरे देश की नजरें उद्धव के अयोध्या दौरे पर है और राम जन्मभूमि पर उनका भाषण एक सुनहरा मौका है अपने प्रतिद्वंदियों पर निशाना साधने का. अयोध्या में उर्जा से भरा और असरदार भाषण देने के लिए उद्धव ने अपने हिंदी भाषा पर काम किया हैं ताकि वो अपने शब्दों की जादूगरी से वहां मौजूद लोगों का दिल जीत सकें.

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Published November 14th, 2018 at 22:59 IST

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