Updated January 14th, 2019 at 16:22 IST
SP-BSP गठबंधन में राहुल गांधी को शामिल नहीं करने पर तेजस्वी ने दिया ये जवाब, देखें..
तेजस्वी से SP-BSP के गठबंधन में राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस को नहीं शामिल करने के सवाल पर वो गोल-मोल जवाब देते नज़र आए.
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साल 2019 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनाव के लिए सभी सियासतदानों ने अपनी-अपनी कमर कस ली है. चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है हर किसी के ज़हन में एक ही सवाल 'अबकी बार-किसकी सरकार?'. ऐसे में सियासी शोर का तेज होना आम बात सी है. हालांकि शनिवार को उत्तर प्रदेश की दो बड़ी पार्टियों सपा-बसपा ने पुरानी दुश्मनी को भुलाकर चुनाव से पहले दोस्ती का आगाज़ किया है. दोनों ही पार्टियों ने गठबंधन करके यूपी की 80 सीटों में से बराबर 38-38 सीटों पर चुनावी दांव आजमाने का फैसला लिया है.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और चर्चित RJD के युवा नेता तेजस्वी यादव गठबंधन के मद्दनज़र अखिलेश यादव और मायावती को बधाई देने के लिए यूपी की राजधानी लखनऊ पहुंचे. इस दौरान तेजस्वी से SP-BSP के गठबंधन में राहुल गांधी की पार्टी कांग्रेस को नहीं शामिल करने के सवाल पर वो गोल-मोल जवाब देते नज़र आए.
मीडिया ने जब तेजस्वी यादव से ये सवाल पूछा कि बिहार में आपकी पार्टी आरजेडी ने राहुल गांधी के UPA में कांग्रेस से गठबंधन करके शामिल हो गई है. लेकिन यहां हुए गठबंधन में मायावती जी और अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को शामिल नहीं किया है. इस सावल पर तेजस्वी ने गोल-मोल जवाब देते हुए कहा कि हमारा मकसद बीजेपी को हराना है. बीजेपी को करारा जवाब देने के लिए बसपा सपा अकेले ही काफी है. राहुल गांधी जी रहे या ना रहे बीजेपी को सीटें नहीं मिलेगी.
बता दें, बिहार में तेजसवी यादव की पार्टी कांग्रेस के UPA का हिस्सा है. हाल ही में केंद्र सरकार में पूर्व मंत्री रहे उपेंद्र कुशवाहा ने भी NDA का साथ छोड़ कर कांग्रेस और RJD के गठबंधन UPA में शामिल हो गए थे. तेजस्वी यादव ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के लिए बेहतर चेहरा करार दे चुके हैं. लेकिन यूपी में उन्होंने इसे लेकर कुछ अलग ही जवाब दिया. तेजस्वी का कहना है कि यूपी और बिहार की राजनीति में अंतर है.
ऐसे में ये सवाल उठना लाज़मी है कि एक तरफ तो तेजस्वी यादव ने बिहार में कांग्रेस के साथ गठबंधन कर लिया है और दूसरी तरफ लखनऊ आकर माया-अखिलेश के उस गठबंधन को बधाई दे रहे हैं जिन्होंने गठबंधन के वक्त कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर करारा हमला करते हुए उनकी पार्टी को भ्रष्टाचारी करार दिया था.
गौरतलब है कि अखिलेश और मायावती की दोस्ती के बीच सबसे खास बात ये निकलकर आई कि इन दोनों ने ही कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को सिरे से नकार दिया है. मायावती ने कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोलते हुए उसे भ्रष्टाचारी करार दिया है. हालांकि इस मसले पर मीडिया ने जब अखिलेश से सवाल पूछा तो अखिलेश इस सवाल से बचते दिखाई दिए और मायावती के बयान पर ही इशारा किया था.
गठबंधन में कांग्रेस की भूमिका शामिल नहीं करने को लेकर मायावती ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कांग्रेस पार्टी को भ्रष्टाचार की पार्टी के नाम से नवाज दिया था. बोफोर्स घोटाले का हवाला देते हुए उन्होंने बीजेपी पर भी जुबानी प्रहार किया था. मायवती ने कहा था कांग्रेस को बोफोर्स ने हराया था और बीजेपी को राफेल हराएगी.
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ऐसे में UPA की सहयोगी पार्टी RJD नेता तेजस्वी यादव का पटना से लखनऊ आना और तीसरे मोर्चे के तौर पर बने गठबंधन की तारीफ करना कोई आम बात नहीं है. इससे राजनीतिक दिलचस्पी काफी हद तक बढ़ गई है.
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Published January 14th, 2019 at 16:12 IST
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