Updated August 7th, 2021 at 07:44 IST
तालिबान ने अफगानिस्तान में ऐतिहासिक गुरुद्वारा से हटाया 'निशान साहिब', अकाली नेता मनजिंदर सिरसा ने की सख्त कार्रवाई की मांग
तालिबान ने अफगानिस्तान में पक्तिया प्रांत के चमकानी इलाके में ऐतिहासिक गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से एक सिख धार्मिक ध्वज 'निशान साहिब' को हटा दिया।
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तालिबान ने अफगानिस्तान में पक्तिया प्रांत के चमकानी इलाके में ऐतिहासिक गुरुद्वारा थाला साहिब की छत से एक सिख धार्मिक ध्वज 'निशान साहिब' को हटा दिया। इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने केंद्र सरकार से हस्तक्षेप करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि सरकार को इसमें हस्तक्षेप करना चाहिए और सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
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रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए शिरोमणि अकाली दल के नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "तालिबान ने न केवल निशान साहिब को हटा दिया, बल्कि स्थानीय सिखों को देश नहीं छोड़ने पर उन्हें मारने की धमकी भी दी।' सिरसा ने कहा, 'मैंने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप करने के लिए कहा है और उम्मीद है कि वे इसकी निंदा करेंगे और सख्त कार्रवाई का आदेश देंगे। यह एक बहुत ही ऐतिहासिक गुरुद्वारा है और सरकार को सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।'
बता दें कि इस गुरुद्वारे का बहुत महत्व है, क्योंकि सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ने इसका दौरा किया था। निशान साहिब को हटाए जाने की खबरें पिछले हफ्ते ही आई थीं। गुरुद्वारों के प्रबंधन के लिए जिम्मेदार निकाय शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने तालिबान के अधिग्रहण के बीच अफगानिस्तान में रहने वाले सिखों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र और अफगानिस्तान सरकार से आह्वान किया है।
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गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है, जब यह विशेष गुरुद्वारा चर्चा में है। जुलाई 2020 में सिख समुदाय के नेता निधि सिंह सचदेवा को गुरुद्वारे से अगवा कर लिया गया था। सचदेवा के अपहरण के बाद पिछले साल मई में काबुल में गुरु हर राय गुरुद्वारा साहिब में 30 सिखों का नरसंहार किया गया था।
तालिबान का बढ़ता दबदबा
उल्लेखनीय है कि इन दिनों अफगानिस्तान में तालिबान का दबदबा बढ़ रहा है। अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से तालिबान ने कई क्षेत्रों पर फिर से कब्जा कर लिया है। ह्यूमन राइट्स वॉच एजेंसी (HRW) द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, आतंकवादी संगठन के ताजा हमले से महिलाओं के मानवाधिकारों को खतरा है। एचआरडब्ल्यू ने कहा, 'महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ हिंसा के लिए जवाबदेही प्रदान करने में अफगान सरकार की विफलता ने महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रगति को कमजोर कर दिया है।'
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अफगानिस्तान के लिए संयुक्त राष्ट्र के सहायता मिशन (यूएनएएमए) ने बताया कि अफगानिस्तान में नागरिक हताहतों की संख्या में 47 फीसदी की वृद्धि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक, जनवरी से जून के बीच 5,183 नागरिकों की मौत हुई। कुल मिलाकर मई और जून में लगभग 2,400 मौतें और घायल होने की सूचना मिली।
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Published August 7th, 2021 at 07:44 IST
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