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Updated September 25th, 2018 at 12:08 IST

सुप्रीम कोर्ट का फैसला : आरोप तय होने के बाद भी दागी नेता लड़ सकेंगे चुनाव

चीफ जस्टिस ऑफ दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ने इस मामले में अब दखल देने से इंकार करते हुए इसे संसद पर छोड़ दिया .

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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सांसद और विधायकों का दोषी सिद्ध होने से पहले उन्हें अयोग्य ठहराने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार किया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसे मामलों में संसद तय करे कि उसे क्या करना है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया कि चुनाव लड़ने से पहले प्रत्येक उम्मीदवार अपना आपराधिक रिकॉर्ड निर्वाचन आयोग के समक्ष घोषित करे. साथ ही न्यायालय ने कहा कि नागरिकों को अपने उम्मीदवारों का रिकॉर्ड जानने का अधिकार है. 

राजनीतिक के अपराधीकरण पर चिंता जताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार ऐसा कानून बनाना चाहिए जिससे अपराधी राजनीति में ने आ सकें. कोर्ट ने आदेश दिया कि सभी राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के संबंध में सभी जानकारी अपनी वेबसाइटों पर डालेंगे. साथ ही राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से प्रचार करने का निर्देश दिया.

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने जजमेंट देते हुए यह आदेश दिया कि नामांकन दर्ज होने के बाद मीडिया में इस संबंध में 3 बार जानकारी दें. जनहित याचिका में मांग की गई थी कि आरोप तय होने के बाद उम्मीदवार को चुनाव लड़ने न दिया जाए. इस पर कोर्ट ने कहा कि वह कानून नहीं बना सकता है. यह सरकार का काम है. इसके साथ ही कोर्ट ने राजनीति का गैर-अपराधीकरण सुनिश्चित करने के लिए विधायिका से कानून बनाने पर विचार करने को कहा .

चीफ जस्टिस ऑफ दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायधीशों की पीठ ने इस मामले में अब दखल देने से इंकार करते हुए इसे संसद पर छोड़ दिया . इससे पहले, पीठ ने संकेत दिये थे कि मतदाताओं को उम्मीदवारों की पृष्ठभूमि जानने का अधिकार है और चुनाव आयोग से राजनीतिक दलों को यह निर्देश देने के लिए कहा जा सकता है कि आरोपों का सामना कर रहे लोग उनके चुनाव चिन्ह पर चुनाव नहीं लड़ें.


सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए याचिकाकर्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने रिपब्लिक टीवी से खास बातचीत की . इस दौरान अश्विनी कुमार ने कहा  सुप्रीम कोर्ट ने पार्लियामेंट को डायरेक्शन  दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह तय किया है कि चुनाव से पहले पहले राजनीतिक दलों से जुड़े उम्मीदवारों के रिकॉर्ड का प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कम से कम तीन बार पब्लिश किया जाए. 

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Published September 25th, 2018 at 12:03 IST

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