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Updated September 26th, 2018 at 20:07 IST

अयोध्या केस से जुड़े मामले में कल सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा अहम फैसला ..

इस मामले में मुख्य तौर पर तीन पार्टियां हैं. हिंदू महासभा, सुन्नी वक्फ और निर्मोही अखाड़ा.

Reported by: Gaurav Kumar
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सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को राम मंदिर केस में अहम सुनवाई करेगी. बता दें, सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर केस को Higher Constitution Bench को ट्रांसफर करने को लेकर दोपहर 2 बजे सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट सिर्फ जमीन विवाद के केस पर ही अपनी सुनवाई करेगी ना कि बाबरी मस्जिद -राम मंदिर के मुद्दे पर. कल सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई में ये तय होगा की इस मामले में संवैधानिक पीठ का गठन किया जाएगा या नहीं. इसके साथ ही गुरुवार को कोर्ट बताएगा कि मस्जिद में नमाज पढ़ना इस्लाम का आंतरिक हिस्सा है या नहीं. इसके साथ ही कोर्ट साल 2019 के चुनाव से पहले इस मामले में कोई आदेश पारित नहीं किया जाना चाहिए, इसपर भी अपना फैसला सुनाएगी.

इस मामले में मुख्य तौर पर तीन पार्टियां हैं. हिंदू महासभा, सुन्नी वक्फ और निर्मोही अखाड़ा. साल 2010 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन तीनों पक्षों को 1/3 भूमि देने का फैसला सुनाया था. लेकिन तब सुन्नी वक्फ बोर्ड और हिन्दू महासभा ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.

उसके अगले साल ही सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा दिए गए फैसले पर रोक लगा दी थी. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि 'फैसला आश्चर्यजनक था क्योंकि कोई भी पार्टी भूमि का विभाजन नहीं चाहता है' तब से ये पूरा मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है.

बता दें, इसी साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर तत्काल आधार पर एक बड़े संवैधानिक बेंच बनाने की मांग को ठुकरा दिया था. तीन जजों की बेंच ने ये कहा था कि अयोध्या में विवाद 'प्रॉपर्टी डिस्प्यूट' को लेकर है और 'राजनीतिक या धार्मिक संवेदना का मुद्दा इस मामले में एक बड़े बेंच को रेफर करने का आधार नहीं हो सकता है.'

वहीं 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट के तीन जजों की बेंच ने (CJI दीपक मिश्रा, जस्टिस अशोक भूषण और अब्दुल नजीर) इस मामले को संवैधानिक बेंच को रेफर करना चाहिए या नहीं उस पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. 

बता दें, बाबरी मस्जिद मुगल राजा बाबर के द्वारा 1528 में बनाया गया था. वहीं 6 दिसंबर 1992 में हजारों की संख्या में कारसेवकों ने अयोध्या पहुंचकर बाबरी मस्जिद ढहा दिया गया था. उनका कहना था कि मंदिर को तोड़कर यहां पर मस्जिद बनाई गई है.

वहीं कांग्रेस के नेता और पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने इस पूरे मामले पर एक बार कोर्ट में कहा था कि इस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद केस पर फैसला 2019 के बाद आना चाहिए. जिसपर बीजेपी के कांग्रेस पार्टी पर निशाना भी साधा था. 

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Published September 26th, 2018 at 20:07 IST

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