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Updated January 12th, 2019 at 17:44 IST

सपा-बसपा की दोस्ती पर बोले शिवपाल, 'हमारे बिना अधूरा है गठबंधन'

प्रगतिशील समाज पार्टी के चीफ शिवपाल यादव ने सपा बसपा के गठबंधन पर बोलते हुए कहा, ''यह गठबंधन प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी के बिना अधूरा है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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चाचा-भतीजे के बीच जंग तो काफी पुरानी हो चुकी है लेकिन बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने एक बार फिर पुराने फैमिली वार की याद अखिलेश को ताजा करा दी है. मायावती ने शनिवार को सपा-बसपा की सामूहिक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अखिलेश यादव के चाचा का मुद्दा छेड़ दिया और फिर शिवपाल पर करारा प्रहार करना शुरू कर दिया.

इस दरमियान भतीजे अखिलेश ने इस मसले पर कुछ नहीं बोला बल्कि हल्का-फुल्का मुस्कुराते दिखाई दिए. हालांकि शिवपाल यादव ने इस गठबंधन पर पहली प्रतिक्रिया देते हुए इसे अधूरा करार दिया है.

मायावती ने शिवपाल के जरिए भारतीय जनता पार्टी पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मायावती ने अखिलेश के चाचा और समाजवादी प्रगतिशील मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल का हवाला देते हुए कहा कि बीजेपी पर कई गंभीर आरोप लगाए. 

मायावती ने आरोप लगाया कि जो पार्टी शिवपाल और अन्य चला रहे हैं, उसके पीछे बीजेपी पानी की तरह पैसा बहा रही है. 

प्रगतिशील समाज पार्टी के चीफ शिवपाल यादव ने सपा बसपा के गठबंधन पर बोलते हुए कहा, ''यह गठबंधन प्रगतिवादी समाजवादी पार्टी के बिना अधूरा है, केवल एक धर्मनिरपेक्ष मोर्चा ही बीजेपी को हरा सकता है''

इसके साथ ही मायावती ने ये भी कहा कि शिवपाल यादव पर पानी की तरह बहाया गया बीजेपी का पैसा भी बेकार चला जाएगा. उन्होंने कहा कि पर्दे के पीछे से बीजेपी द्वारा चलाई जा रही शिवपाल यादव की पार्टी समेत मुस्लिमों, दलितों और पिछड़ों के नाम पर बनाई गई पार्टियों और बीजेपी के संगठन के द्वारा खड़े किए प्रत्याशियों को यूपी के लोग अपना वोट देकर बर्बाद नहीं करेंगे. 

इस दौरान अखिलेश यादव के सुर भी हमेशा से कुछ बदले बदले दिखाई दिए. राजनीति में घोर विरोधी माने जाने वाले दोनों नेताओं के एकसाथ आने पर सुर कैसे और कितने बदल गए ये देखने वाली बात है.

अखिलेश बोले, ''मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान है, उनका अपमान मेरा अपमान है''

पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि आज से समाजवादी पार्टी का प्रत्येक कार्यकर्ता इस बात को गांठ बांध ले कि आदरणीय मायावती जी का सम्मान मेरा सम्मान है और अगर भाजपा का कोई भी नेता आदरणीय मायावती जी का अपमान करता है तो समझ लेना कि वो अपमान आदरणीय मायावती जी का नहीं बल्कि मेरा अपमान है. 

यूपी के इस गठबंधन के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी उबाल मार रही है. एक के बाद एक लगातार टिप्पणी का सिलसिला बादस्तूर जारी है.

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Published January 12th, 2019 at 17:40 IST

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