Updated November 17th, 2018 at 10:17 IST
सबरीमाला विवाद: धार्मिक परंपराओं को चुनौती देने के मामले में तृप्ति देसाई के खिलाफ केरल में दर्ज हुई शिकायत
शुक्रवार को भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने के लिए कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं थी ..
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सबरीमाला मुद्दे पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शुक्रवार को भूमाता ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई सबरीमाला मंदिर के दर्शन करने के लिए कोच्चि इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचीं थी लेकिन वो विरोध प्रदर्शन के कारण एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकल पाई और देर रात उन्हें मुंबई वापस लौटना पड़ा था. वहीं अब केरल में तृप्ति देसाई के खिलाफ कथित रूप से धार्मिक परंपराओं को चुनौती देने के मामले में शिकायत दर्ज कराई गई है.
युवा मोर्चा जो भारतीय जनता पार्टी की एक यूथ विंग है उनके द्वारा एक शिकायत दर्ज कराई गई है. ये शिकायत नेदुम्बसरी पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है. शिकायत में कहा गया है कि पुलिस तृप्ति देसाई के खिलाफ 'सेक्शन' 295 A और 163 A के तहत मामला दर्ज करें.
इस शिकायत में कहा गया है कि तृप्ति देसाई उनकी धार्मिक मान्यताओं को चैलेंज कर रही हैं और उनके इस हरकत से काफी बखेड़ा खड़ा हो सकता है. बता दें, सबरीमाला मुद्दे पर जबसे सुप्रीम कोर्ट ने 10 से 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने का फैसला सुनाया है तब से ही कोर्ट के फैसले का विरोध किया जा रहा है और महिलाओं को मंदिर के अंदर प्रवेश करने से रोका जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दो बार मंदिर के कपाट खेले गए है लेकिन दोनों ही बार किसी महिला को मंदिर के भीतर घुसने नहीं दिया गया है. वहीं शुक्रवार को मंदिर के दरवाजों को तिसरी बार खोला गया था. वहीं तृप्ति देसाई को ये उम्मीद थी कि वो इस बार मंदिर में प्रवेश कर लेंगी लेकिन एयरपोर्ट के बाहर तृप्ति का भारी विरोध किया गया. जिसको देखते हुए तृप्ति समेत उनकी तमाम सहयोगियों को मुंबई वापस लौटना पड़ा.
वहीं मुंबई लौटने से पहले तृप्ति ने रिपब्लिक टीवी से बात करते हुए कहा था कि 'हमें कोई भी रुकने के लिए होटल नहीं दे रहा है.. कैब ने भी हमें मंदिर ले जाने से मना कर दिया .. मैंने पुलिसवालों से मुलाकात की.. उन्होंने कहा कि अगर हम रात को रूकते हैं तो हिंसा बढ़ सकती है.. प्रदर्शनकारी एयरपोर्ट के भीतर घुस सकते हैं और नुकसान पहुंचा सकते हैं.
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दे दी थी. 4-1 के बहुमत से हुए फैसले में पांच जजों की संविधान पीठ ने साफ कहा था कि हर उम्र वर्ग की महिलाएं अब मंदिर में प्रवेश कर सकेंगी. कोर्ट ने 10 से 50 साल की उम्र की महिलाओं के प्रवेश पर रोक की सैकड़ों साल पुरानी परंपरा को असंवैधानिक करार दिया था.
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Published November 17th, 2018 at 10:17 IST
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