Updated October 18th, 2018 at 09:30 IST
सबरीमाला पर घमासान जारी : पहाड़ी पर चढ़ रही NYT की महिला पत्रकार को रोका
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर सुहासनी राज पंबा की पहाड़ियों से होते हुए मंदिर की तरफ पहुंचने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उन्हें वहीं से लौटा दिया गया.
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केरल में सबरीमाला मंदिर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महिलाओं को एंट्री की इजाजत के बाद बुधवार को पहली बार कपाट खुले. इसे लेकर काफी घमासान मचा हुआ है और हजारों महिलाओं ने मंदिर में प्रवेश की नाकाम कोशिशें की. हालांकि , इसकी चपेट में आई रिपब्लिक टीवी की महिला पत्रकार समेत 7 पत्रकार के साथ हिंसा हुई.
इस सब के बीच भी महिलाएं बुधवार को सीढ़ियों तक पहुंच गई थीं. अब गुरुवार को सीढ़ियों से भी आगे जाने की कोशिश हो रही है. गुरुवार को न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्टर सुहासनी राज पंबा पहाड़ियों से होते हुए मंदिर की तरफ पहुंचने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन उन्हें वहीं से लौटा दिया गया.
बुधवार को भी सुहासनी मंदिर की तरफ जाने की कोशिश कर रही थीं, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उन्हें वहीं रोक दिया था. अब आज वह कड़ी सुरक्षा के बीच पहाड़ी के रास्ते से मंदिर जा रही थीं. लेकिन उन्हें वापस जाने को कह दिया गया, वह खुद भी मान गई. उन्होंने कहा कि वह यहां पर कोई मुसीबत नहीं खड़ी करना चाहती हैं.
बता दें सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बाद पहली बार 17 अक्टूबर शाम 5 बजे कपाट खुलने वाले है जिसके लिए महिलाएं अंदर जाने को तैयार है.
दरअसल सबरीमाला मंदिर में बुधवार को 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं ने ही प्रवेश किया. सुरक्षा कारणों के चलते 10 -15 साल की उम्र के बीच की लड़कियां मंदिर तक नहीं पहुंचीं. सुप्रीम कोर्ट ने 10 - 50 साल की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से रोकने की सदियों पुरानी परंपरा को गलत बताते हुए उसे खत्म कर दिया था और अभी सभी आयुवर्ग की महिलाओं को प्रवेश करने की इजाजत दी थी.
वहीं प्रदर्शनकारियों की हमलों की शिकार हुई रिपब्लिक टीवी की पत्रकार पूजा प्रसन्ना ने कहा, ''निलक्कल से निकलने के पहले मैं आपको एक बात बताना चाहती हूं कि हमने इस मामले में पुलिस को एक लिखित अपील की है कि हमें सुरक्षा मुहैया कराई जाए..क्योंकि हमें वहां जाने की अनुमति नहीं है.. अगर हमें सुरक्षा भी दी गई तो भी हमारे ऊपर हमला किया जाएगा.''
वहीं इस पूरी घटना पर राहुल ईश्वर ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी से बात करते हुए कहा कि ''पत्रकार के ऊपर हुए हमले का हम विरोध करते हैं. मैं आपसे मांफी मांगता हूं.. जिन लोगों ने अटैक किया है मैं उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराऊंगा.''
पूजा प्रसन्ना ने कहा कि ''हमारे ऊपर उस समय हमला किया गया जब हम पुलिस की गाड़ी में थे. अभी हमें पुलिस स्टेशन ले जाया जा रहा है. हमारे ऊपर अभी भी पत्थर बरसाए जा रहे हैं. पुलिस के ऊपर भी हमला किया जा रहा है. भीड़ के द्वारा पुलिस की लाठी छीन ली गई.''
पूजा प्रसन्ना ने कहा, 'हम पुलिस स्टेशन के अंदर घुसने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा लग रहा है यहा पर कही भी सुरक्षीत स्थान नहीं है. हम सबरीमाला श्राइन के पास नहीं हैं अभी हम पंबा के रास्ते की तरफ हैं..''
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Published October 18th, 2018 at 09:27 IST
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