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Updated September 9th, 2018 at 12:16 IST

RSS चीफ भागवत के बयान पर बिफरे ओवैसी, पूछा- बताइए कुत्‍ता कौन और शेर कौन?

संयुक्त राज्य अमेरिका में शिकागो के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा था "यदि शेर अकेला है, तो जंगली कुत्ते शेर पर आक्रमण और नष्ट कर सकते हैं.हमें इसे नहीं भूलना चाहिए. ’

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन  (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर निशाना साधा है. उन्होंने शनिवार को आरएसएस की आलोचना करते हुए कहा कि संगठन भारत के संविधान में विश्वास नहीं करता है.

संयुक्त राज्य अमेरिका में शिकागो के एक कार्यक्रम में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के "यदि शेर अकेला है, तो जंगली कुत्ते शेर पर आक्रमण और नष्ट कर सकते हैं.हमें इसे नहीं भूलना चाहिए ’ वाले बयान के बाद असदुद्दीन ओवैसी का यह बयान प्रतिक्रिया के रूप में आया है.."

जब इसके बारे में पूछा गया, ओवैसी ने समाचार एजेंसी को बताया, "तो कुत्ते और शेर कौन हैं? भारतीय संविधान सभी को मनुष्यों के रूप में परिभाषित करता है और उन्हें कुत्तों या शेर के रूप में नहीं मानता है. आरएसएस के साथ समस्या यह है कि वे भारतीय संविधान में विश्वास नहीं करते हैं . "

लेकिन ओवैसी यहीं नहीं रुक गया और आगे यह कहा कि आरएसएस के पास दूसरों की कुत्ते के साथ तुलना करके और खुद को बाघों के रूप में संदर्भित करके लोगों की नीचा दिखाने का अमानवीय विचार है.

"आरएसएस के पास दूसरों की कुत्ते के साथ तुलना करके और खुद को बाघों के रूप में संदर्भित करके लोगों की नीचा दिखाने का अमानवीय विचार है. यह पिछले 9 0 सालों से आरएसएस की भाषा रही है और मुझे आश्चर्य नहीं है. भारत के लोग इस तरह की भाषा को खारिज कर देंगे ,"

इस बीच, ओवैसी ने कहा कि अनुच्छेद 35 ए "भारतीय हित के लिए बहुत महत्वपूर्ण है."

ओवैसी ने आगे कहा.  "जम्मू में लोग खुद कह रहे हैं कि अनुच्छेद 35 ए को बनाए रखा जाना चाहिए. अनुच्छेद 35 ए आवश्यक है और संविधान का हिस्सा बने रहेगा,"

इससे पहले, अनुच्छेद 35ए की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने जनवरी 2019 तक इस मामले की सुनावाई को स्थगित कर दिया था,.

अनुच्छेद 35 ए भारत के अन्य राज्य के लोगों को जम्मू-कश्मीर में रहने से रोकता है, जैसे राज्य में अचल संपत्ति खरीदने या मालिकाना हक पाना, स्थायी रूप से निवास करना, या राज्य सरकार की नौकरियां प्राप्त करना से भी यह कानून बाहरी लोगों को रोकता है.

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Published September 9th, 2018 at 12:16 IST

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