Updated September 8th, 2018 at 11:30 IST
राम मंदिर विवाद पर केशव मौर्य के बयान पर बिफरे असदुद्दीन ओवैसी, कह दी ये बड़ी बात..
इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने रामजनामभूमि विवाद पर बोलते हुए दो विकल्प सुझाए थे. उन्होंने कहा कि राम जन्म विवाद पर फैसले लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में ओर देरी नहीं होना चाहिए
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उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले में अधिक देरी होने पर रामजनामभूमि विवाद को हल करने के लिए दो विकल्पों के साथ मीडिया के सामने आए. जिसके बाद से एक बार फिर रामजनामभूमि विवाद सुर्खियों में आ गया है. जिसके बाद अब ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद उल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी हैं.
हैदारबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि जब मामला न्यायलाय के अंदर विराचधीन है तो एक राज्य के जिम्मेदार उपमुख्यमंत्री द्वारा इस तरह की बात करने का कोई अधिकार नहीं है.
इससे पहले केशव प्रसाद मौर्य ने रामजनामभूमि विवाद पर बोलते हुए दो विकल्प सुझाए थे. उन्होंने कहा कि राम जन्म विवाद पर फैसले लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट में ओर देरी नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा कि या तो पक्षधारों में बातचीत शुरू होनी चाहिए या या इसे हल करने के लिए संसद में कानून पारित किया जा सकता है.
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा , "हमें विश्वास है कि इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय से एक अनुकूल निर्णय आएगा. ऐसा लोग उम्मीद कर रहे हैं. मुझे यकीन है कि राम मंदिर के निर्माण से संबंधित सभी बाधाओं को हटा लिया जाएगा,"
रामजनामभूमि विवाद में दो विकल्पों के बारे में बात करते हुए मौर्य ने कहा: " संतों की ऐसी मांग है कि इस मुद्दे को जल्द से जल्द होना चाहिए. अगर निर्णय में कोई देरी हो रही है, तो अन्य विकल्प हैं, जैसे वार्ता या संसद में कानून पारित करना. लेकिन सिग्नल हम संकेत दे रहे हैं कि कोई देरी नहीं होगी, "
1528 में अयोध्या में मुगल सम्राट बाबर द्वारा निर्मित बाबरी मस्जिद को 6 दिसंबर, 1992 में हिंदू कार्यकर्ताओं द्वारा कथित तौर पर तोड़ दिया गया था, उनका दावा था कि यह मस्जिद का निर्माण राम मंदिर को ध्वस्त करने के बाद किया गया था जो मूल रूप से वहां खड़ा था. जिसको मालिकाना हक को लेकर अलग से कानूनी लड़ाई चल रही है.
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Published August 20th, 2018 at 17:13 IST
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