Updated October 18th, 2018 at 14:14 IST
मोहन भागवत के राम मंदिर वाले बयान पर बोलेवेदांती, '2019 में नहीं 2018 में ही मंदिर का निर्माण शुरू हो जाए'
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार से अपील की है कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने सरकार से अपील की है कि वह कानून बनाकर अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करे. उन्होंने कहा है कि राम मंदिर का निर्माण ‘स्वगौरव’ की दृष्टि से आवश्यक है और मंदिर बनने से देश में सद्भावना एवं एकात्मता का वातावरण बनेगा. विजयादशमी के मौके पर अपने सालाना संबोधन में भागवत ने कहा था, ‘‘राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था. राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता. हम चाहते हैं कि सरकार कानून के जरिए (राम मंदिर) निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे.’’
रामविलास वेदांती ने किया मोहन भागवत के बयान का समर्थन-
वहीं अब मोहन भागवत के बयान का पूर्व बीजेपी सांसद रामविलास वेदांती ने समर्थन किया है. इस पूरे मामले पर रामविलास वेदांती ने कहा कि 'मैं मोहन भागवत के द्वारा राम मंदिर पर दिए गए बयान का समर्थन करता हूं. भाजपा को इससे अच्छा अवसर नहीं मिलेगा.. अब 20 राज्यों में भाजपा की सरकार है.. भारत का राष्ट्रपति, भारत के प्रधानमंत्री, भारत के 20 राज्यों के मुख्यमंत्री हैं .. उत्तर प्रदेश में भी भाजपा को भारी समर्थन मिला था..''
उन्होंने आगे कहा, 'अब किसी किमत पर जनता ये सुनने को तैयार नहीं है कि मंदिर नहीं बनेगा.. जनता ने भाजपा को इसलिए ही उच्च पद पर बैठाया है.. अब वो समय आ गया है और मोहन भागवत का कहना सही है.. मैं उनकी बातों का समर्थन करता हूं और कहना चाहता हूं कि 2019 में नहीं 2018 में ही मंदिर का निर्माण शुरू हो जाए..''
भागवत के बयान पर वकील जफरयाब जिलानी ने क्या कहा -
भागवत के बयान पर बाबरी मस्जिद ऐक्शन कमिटी के संयोजक वकील जफरयाब जिलानी ने कहा कि 'मोहन भागवत का पूरा बयान कोर्ट को प्रभावित करने को लेकर दिया गया है.. इस मामले में कोई अध्यादेश पास नहीं हो सकता है.. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अरुण जेटली जिनको कानून पता है वो लोग इसमें कोई बयान नहीं दे रहे हैं.. इस तरह का बयान RSS चीफ के द्वारा दिया जा रहा है.. ये सरकार की योजना है.. ताकि कोर्ट को प्रभावित किया जा सके और हिंदुओं को खुश किया जा सके..''
मोहन भागवत के बयान पर सुब्रमण्यम स्वामी-
वहीं सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले पर कहा है कि, 'ये तो समय ही बताएगा कि सुप्रीम कोर्ट राम मंदिर मुद्दे को फास्ट ट्रैक करेगा या नहीं ..फास्ट ट्रैक मेरी याचिका पर होना चाहिए.. मुझे लगता है कि दशहरा छुट्टियों के बाद.. हम सुप्रीम कोर्ट में जा रहे हैं और मुझे नहीं लगता कि मेरा मामला नवंबर के अंत से अधिक समय तक चलना चाहिए..''
''हम 2019 के काफी करीब हैं.. मुझे लगता है कि ये एक लीगल विकल्प है..(बाबरी मस्जिद) नरसिम्हा राव की सरकार ने तोड़ा था.. और सुप्रीम कोर्ट में एक एफिडेविट भी दायर कि या गया था जिसमें कहा गया था कि अगर वहां पर मंदिर होने के साक्ष्य मिलते हैं तो फिर उस जमीन को हिंदुओं को मंदिर निर्माण के लिए दिया जाए.
''मेरे मुताबिक अध्यादेश लाने के लिए हमारे पास सभी अधिकार हैं.. लेकिन मेरे केस में .. मैं इंतजार करूंगा.. मेरा पिटीशन अभी पेंडिंग है... मैं इसका समर्थन करने के लिए नवंबर तक इंतजार करूंगा''
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Published October 18th, 2018 at 14:14 IST
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