Updated January 8th, 2019 at 23:40 IST
रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया, "कैसे यूपीए से सस्ती है मोदी सरकार की राफेल डील"
बता दें कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में राफेल डील को यूपीए से सस्ती बताते हुए कहा था कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया
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राफेल डील में कथित "भ्रष्टाचार" का आरोप लगाने वाली कांग्रेस लगातार मोदी सरकार को संसद से लेकर सड़क तक घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रही कोशिश में लगी हुई है. इसी बीच रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को दिए एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में राफेल डील को यूपीए के मुकाबले ज्यादा सस्ता बताया.
उन्होंने यह कहते हुए प्रक्रिया के बारे में भी बताया कि राफेल सौदे के लिए आवश्यक हर प्रक्रिया का पालन किया गया था. उन्होंने कहा कि इसके लिए 74 बैठकों की गई.
रक्षा मंत्री ने कहा, "हथियार और विमान पैकेज पर, मैं कुछ भी प्रकट नहीं करूंगी क्योंकि यदि मैं ऐसा करती हूं तो गोपनीयता खंड और वाणिज्यिक अनुबंध का उल्लंघन करूंगी ... लेकिन मुझे पता है कि हमने जो मूल्य प्राप्त किया है वह काफी सस्ता है.
उन्होंने कहा कि "हमने आवश्यक हर प्रक्रिया का पालन किया है. एक तकनीकी समिति, एक लागत-वार्ता समिति, हमने एक साथ 74 बैठकें कीं. एयरफोर्स के लोग ... आम तौर पर जिन लोगों को यह काम सौंपा गया है, वे शामिल थे. यह पेशेवर रूप से किया गया था."
अरुण जेटली ने भी डील को बताया था सस्ता...
बता दें कुछ दिनों पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने संसद में राफेल डील को यूपीए से सस्ती बताते हुए कहा था कि पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया. 2007 में डसॉल्ट द्वारा और बाद में 2016 में पेश की गई कीमतों के बारे में विस्तार से बताते हुए उन्होंने कहा था कि, "जब 2007 में डसॉल्ट द्वारा ऑफर दिए गए थे तो उन्होंने कीमतों के दो सेट दिए थे. फिर 2016 में जब डील हुई तो उन्होंने उल्लेखित कीमतों के दो सेट दिए. एक साधारण विमान और एक हथियारबंद विमान के बीच का अंतर आपके पास मौजूद हथियारों की मात्रा पर निर्भर करता है."
जेटली ने आगे कहा, "यहां तक कि यूपीए के लिए की गई पेशकश भी अलग थी क्योंकि शस्त्रीकरण स्वयं बहुत महंगा है, यह वाहन के लिए बहुत महंगा है. जब आपके पास अधिक आधुनिक प्रौद्योगिकियां विकसित हो रही हैं, तो हथियार भी खर्च होंगे. उनके पास मूल तत्व सामान्य ज्ञान नहीं है. समझने के लिए."
उन्होंने कहा कि अनुबंधन वार्ता समिति, कीमत वार्ता समिति आदि की 74 बैठकें हुई. उच्चतम न्यायालय को इसकी जानकारी दी गई. इसके बाद यह रक्षा खरीद परिषद में गया और फिर सुरक्षा संबंधी मंत्रिमंडल समिति की मंजूरी ली गई.
वित्त मंत्री ने कहा कि 2016 में जो सौदा हुआ, उसके आधार पर बेयर एयरक्राफ्ट (विभिन्न युद्धक प्रणालियों से विहीन विमान) का दाम संप्रग की कीमत से नौ प्रतिशत कम था और हथियारों से युक्त विमान की बात करें तब यह संप्रग की तुलना में भी 20 प्रतिशत सस्ता था.
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Published January 8th, 2019 at 23:40 IST
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