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Updated January 4th, 2019 at 15:08 IST

अयोध्या राम मंदिर मुद्दे पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी, '2019 चुनाव के लिए ये कोई एजेंडा नहीं है'

कांग्रेस अध्यक्ष से जब मीडिया ने पूछा कि आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा कितना अहम होगा तो इस सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा

Reported by: Ayush Sinha
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राम के नाम पर सियासी महकमे का पारा आज कल खुद-ब-खुद गरम हो जाता है. भारतीय जनता पार्टी के लिए राम मंदिर का मुद्दा हमेशा से काफी अहम रहा है. ऐसे में 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. राम मंदिर का मसला इस चुनाव में काफी अहम माना जा रहा है. लेकिन इस बीच कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पहली बार राम मंदिर को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ी है.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने शुक्रवार को ये आदेश दिया है कि 10 जनवरी को 3 जजों की पीठ इसकी अगली सुनवाई करेगी. ऐसे में कोर्ट के इस आदेश के बाद राहुल गांधी ने पहली बार राम मंदिर को लेकर अपने विचार सामने रखा है. उनका कहना है कि राम मंदिर कोई चुनावी एजेंडा नहीं है.

संसद भवन के परिसर में मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी ने राफेल का हवाला देते हुए केंद्र की मोदी सरकार पर सीधा हमला किया. 

कांग्रेस अध्यक्ष से जब मीडिया ने पूछा कि आगामी 2019 लोकसभा चुनाव में राम मंदिर का मुद्दा कितना अहम होगा तो इस सवाल का जवाब देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि राम मंदिर का मसला अभी कोर्ट में है, 2019 के चुनाव में नौकरी, किसानों से जुड़े मुद्दे पर अहम होंगे.

राहुल गांधी का कहना है कि लोकसभा चुनाव के लिए राम मंदिर कांग्रेस का मुद्दा नहीं है. राहुल गांधी ने कहा, '2019 चुनाव में भ्रष्टाचार, बेरोजगारी और लोगों की आम समस्याएं बड़े मुद्दे होंगे, राम मंदिर हमारे एजेंडे में नहीं है.'

सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर के बाद शुक्रवार को सुनावई हुई जिसमें सुनवाई को 10 जनवरी से शुरू करने का निर्देश दिया गया. कुछ लोग सुप्रीम कोर्ट से सुनवाई में तेजी लाने की अपील कर रहे हैं. तो वहीं कांग्रेस ने इस मसले पर कुछ भी खुलकर कहने से परहेज किया है. 

कांग्रेस के कुछ नेता जो सुप्रीम कोर्ट के वकील हैं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि इस मामले को 2019 में होने वाले चुनाव के बाद ही उठाया जाए.

गौरतलब है कि साल 2019 के शुरू होने पर 1 जनवरी को न्यूज़ एजेंसी ANI को दिए अपने इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सभी को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करना चाहिए. जो कुछ भी हो उसके लिए कानूनी प्रक्रिया बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा था कि राम मंदिर उसी स्थान पर बनना चाहिए.

आरएसएस ने प्रधानमंत्री के बयान का स्वागत किया था. लेकिन एक समयसीमा भी तय की. जिसमें मांग की गई कि इस सरकार के कार्यकाल के खत्म होने से पहले मंदिर का निर्माण शुरू हो जाए.

इसे भी पढ़ें - राममंदिर पर VHP की सरकार को नसीहत, ''फैसले के इंतजार से बेहतर है कि कानून लाया जाए''

हालांकि, विश्व हिंदू परिषद ने अपनी मांग को दोहराया कि सरकार मामले में अध्यादेश लाए.

बता दें, बीजेपी पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने रिपब्लिक समिट में कहा था कि अगर सुप्रीम कोर्ट दिन-ब-दिन मामले की सुनवाई करता है, तो दस दिन में फैसला सुनाया जा सकता है.

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Published January 4th, 2019 at 15:03 IST

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