Updated February 14th, 2019 at 14:56 IST
राज निवास के बाहर पुडुचेरी के सीएम नारायणसामी, मंत्रियों का ‘धरना’ दूसरे दिन भी जारी...
नारायणसामी, उनके मंत्री और पार्टी विधायक बुधवार रात राज निवास के करीब फुटपाथ पर सोये थे। उन्होंने अपना विरोध जताने के लिये काली शर्ट पहनी थी
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पुडुचेरी में राज निवास के बाहर मुख्यमंत्री वी नारायणसामी और उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों का धरना बृहस्पतिवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। उपराज्यपाल की मंजूरी के लिये भेजे गये उनकी सरकार के प्रस्तावों पर किरण बेदी के ‘‘नकारात्मक रुख’’ के विरोध में मुख्यमंत्री अपने सहयोगियों के साथ धरने पर बैठे हैं।
नारायणसामी, उनके मंत्री और पार्टी विधायक बुधवार रात राज निवास के करीब फुटपाथ पर सोये थे। उन्होंने अपना विरोध जताने के लिये काली शर्ट पहनी थी। मुख्यमंत्री की मांग है कि मुफ्त चावल बांटने की योजना सहित 39 सरकारी प्रस्तावों को उपराज्यपाल मंजूरी दें।
सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं द्रमुक की विभिन्न शाखाओं के पदाधिकारी भी प्रदर्शन में शामिल हुए।
रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बेदी बृहस्पतिवार की सुबह नयी दिल्ली के लिये रवाना हुईं।
राज निवास में एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा को बताया कि वह 20 फरवरी को लौटेंगी और उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा उठाये गये मुद्दों पर चर्चा के लिये उन्हें 21 फरवरी को बुलाया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक उनके प्रस्तावों को मंजूर नहीं किया जाता तब तक प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर सभी 39 प्रस्तावों पर तत्काल मंजूरी संभव नहीं है तो उपराज्यपाल मुफ्त चावल बांटने की योजना और अनुदानों सहित कुछ अहम योजनाओं को अपनी मंजूरी दे सकती हैं।’’
पीडब्ल्यूडी मंत्री ए. नमस्शिवायम ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘जब 39 मांगपत्रों पर उपराज्यपाल की मंजूरी की मांग को लेकर जन प्रतिनिधि प्रदर्शन कर रहे हों तो यह देखना वाकई में हास्यास्पद है कि बेदी चेन्नई के मार्ग से दिल्ली जाने के लिये रवाना हो गयीं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह दिखाता है कि वह लोकप्रिय सरकार का सम्मान नहीं करतीं। यह उनके अंहकार का चरम है।’’
हेलमेट नियम पर नारायणसामी ने कहा कि सरकार ने पुलिस को कहा है कि वह हेलमेट इस्तेमाल नहीं कर रहे दुपहिया वाहन चालकों से बेहद सख्ती से पेश नहीं आये क्योंकि लोगों के लिये हेलमेट पहनना अनिवार्य बनाने से पहले कम से कम एक महीना इसे लेकर जागरुकता फैलाने की जरूरत है।
हालांकि उन्होंने साफ किया कि वह हेलमेट नियम के खिलाफ नहीं हैं क्योंकि इस नियम को लागू करने के संबंध में उच्चतम न्यायालय की व्यवस्था सभी पर लागू होती है।
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Published February 14th, 2019 at 14:56 IST
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