Updated September 16th, 2018 at 16:12 IST
नीतीश कुमार के सारथी बने 'चुनावी चाणक्य' प्रशांत किशोर, अब ये मास्टर प्लान दिलाएगा 2019 में JDU को जीत!
जिसके बाद उन्होंने रिपब्लिक टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि हां मैं यहां शामिल पार्टी में शामिल होने के लिए आया हूं.
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सियासी जोड़तोड़ के महारथी माने जाने वाले प्रशांत किशोर ने अखिकार रविवार को जनता दल यूनाइटेड का दामन थाम लिया. उन्होंने एक अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर जेडीयू की राज्य कार्यकारणी की बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार की मौजूदगी में पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. जिसके बाद उन्होंने रिपब्लिक टीवी से एक्सक्लूसिव बात करते हुए कहा कि हां मैं यहां शामिल पार्टी में शामिल होने के लिए आया हूं.
वहीं नीतिश कुमार ने उनको पार्टी का भविष्य बताया. प्रशांत के जेडीयू को ज्वाइन करने के बाद से ऐसा कयास लगने शुरू हो गए हैं कि पार्टी और सरकार के कार्यशैली में बहुत कुछ बदलाव देखने को मिलेगा. 41 वर्षीय प्रशांत किशोर बिहार के बक्सर जिले के निवासी हैं.
जेडीयू की होगी कायाकल्प...
बिहार की एनडीए सरकार में अलग तरह की गवर्नेंस देखने को मिलेगी, जैसे वो केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार में करने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन वह अमित शाह के साथ मतभेद होने के बाद उन्होंने बीजेपी से अपने रास्ते अलग कर लिए.
प्रशांत के जुड़ने से जेडीयू और नीतिश कुमार और भी प्रभावी ढंग से मीडिया और सोशल मीडिया पर एक्टिव नजर आएंगे.
सीट बंटवारे में निभा सकते हैं अहम रोल
जैसा कि उनके पास बीजेपी और कांग्रेसी जैसी बड़ी पार्टियों के साथ काम करने का अनुभव है.. तो ऐसी स्थित में नीतिश के पास प्रशांत कुमार के रूप में एक ऐसा व्यक्ति होगा जो 2019 के लोकसभा सीटों के लिए बीजेपी से माथापच्ची कर सके, क्योंकि सीटों के मतभेद को लेकर अभी भी दोनों पार्टियों में एक आम राय नहीं बन पाई है. बीजेपी चाहती है कि वो 20 सीटों पर चुनाव लड़े और अन्य 20 सीटों पर जेडीयू व अन्य दलों में सीटों का बटवारा हो, जो जेडीयू प्रमुख को अस्वीकार्य है.
कांग्रेस से भी हो सकता है गठबंधन?
सियासी हलकों में यह भी बात किसी से छिपी नहीं है कि प्रशांत किशोर के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से भी करीबी संबंध हैं और यदि बीजेपी और जेडीयू में सीट बंटवारे को लेकर कोई आम राय नहीं बनती तो प्रशांत कुमार कांग्रेस के साथ बातचीत को आगे बढ़ सकते हैं.
सूत्र बताते हैं कि राहुल गांधी नीतिश कुमार के साथ बिहार में गठबंधन करने को बेकरार हैं और ऐसी भी खबरों आई थी कि करीब दो महीनें पहले नीतीश कुमार और राहुल गांधी के बीच संभावित गठबंधन को लेकर बातें हुई थी.
लालू का साथ दुबारा जाएंगे नीतीश?
बिहार की राजनीति इस वक्त काफी दिलचस्प हो गई है, क्योंकि 2015 का विधानसभा चुनाव जेडीयू, आरजेडी और कांग्रेस ने एक साथ लड़ा था. लेकिन सीबीआई द्वारा तेजस्वी यादव के घर छापेमारी के बाद नीतिश ने उन्हें इस्तीफे के लिए कहा था, जिसके बाद पिछले साल जेडीयू ने महागठबंधन का साथ छोड़ एनडीए गठबंधन में शामिल हो गई. उसके बाद से ही दोनों के रिश्तों में खटास है और नीतिश उनके साथ गठबंधन नहीं करना चाहते. जिसकी वजह से कांग्रेस अध्यक्ष के साथ वर्ता किसी तय अंजाम तक नहीं पहुंच पाई.
गठबंधन में बड़ा भाई कौन?
सूत्र बताते हैं कि प्रशांत को पार्टी में बड़ी जिम्मेदारी के सात नीतिश कुमार के कैबिनेट मंत्रियों को सलाह देने की भी जिम्मेदारी दी जाएगी. कुछ दिनों से प्रशांत कुमार ने नीतीश कुमार के साथ राजनीतिक चर्चाएं करने के लिए लगातार पटना का दौरा किया है. जब से नीतिश ने मोदी से हाथ मिलाया है. वो इस बात से खुश नहीं है कि बिहार को जो वादे किए गए थे वो पूरे नहीं हुए हैं. अब जब प्रशांत जेडीयू का दामन थाम लिया है तो क्या ये बिहार में नए तरह के समीकरण के संकेत हैं या बीजेपी 2019 में सीटों को लेकर नीतीश कुमार की शर्तें मानेगी.
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Published September 16th, 2018 at 16:06 IST
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