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Updated August 27th, 2021 at 21:40 IST

पंजाब कांग्रेस में सियासी घमासान जारी, AAP ने आगामी विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की मांग की

राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने आ गए हैं। वहीं विपक्षी पार्टी आप आगामी राज्य विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है।

Reported by: Digital Desk
Punjab Congress
Punjab Congress | Image:self
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पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) से पहले राज्य में कांग्रेस पार्टी के बीच सियासी घमासान जारी है। इसी बीच राज्य के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू आमने-सामने आ गए हैं। वहीं विपक्षी पार्टी आप आगामी राज्य विधानसभा सत्र में फ्लोर टेस्ट की मांग कर रही है।

शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (AAP) के एक प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष के नेता हरपाल चीमा के नेतृत्व में पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर से मुलाकात की। इस मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ शक्ति परीक्षण की मांग की। बता दें कि प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल को एक पत्र सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि पंजाब में कांग्रेस पार्टी "टुकड़ों में बंट गई है।"

सीएम अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू की आंतरिक लड़ाई की वजह से पंजाब कांग्रेस उलझ गई है। प्रदेश के कई मंत्रियों और विधायकों ने पंजाब सीएम को बदलने की मांग भी की है। मंत्रियों और विधायकों का कहना है कि अमरिंदर सिंह ने कई वादे पूरे नहीं किए, जिस वजह से उनका विश्वास मुख्यमंत्री पर से उठ गया है। इस घटना के बाद से प्रदेश में एक नया विवाद शुरू हो गया है।

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विधायकों और मंत्रियों ने सीएम अमरिंदर सिंह कर हमला करते हुए कई सवाल उठाए। इन सभी के मुताबिक,  2015 में एक धार्मिक पाठ के अपमान में न्याय प्रदान करने में देरी, ड्रग रैकेट में शामिल "बड़ी मछली" की गिरफ्तारी और बिजली खरीद समझौतों को रद्द करना एक चुनावी जुमला है।

बुधवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब कांग्रेस के इनचार्ज हरीश रावत को अमरिंदर सिंह को हटाने के लिए मनाने में विफल रहे। हालांकि, अनुरोध स्वरूप हरीश रावत पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ प्रदेश कांग्रेस में बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए सहमत हुए। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कांग्रेस अमरिंदर सिंह के नेतृत्व में 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।

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मुख्यमंत्री अमरेंदर सिंह की मुश्किलें तब और बढ़ गई, जब राज्य के कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा के आवास पर 20 से अधिक विधायक उनके खिलाफ बगावत का झंडा दिखा रहे थे। बता दें कि यह बैठक सीएम अमरिंदर सिंह ने प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के सलाहकारों मलविंदर सिंह माली और प्यारे लाल गर्ग के विवादास्पद बयानों का तीखा जवाब देने के लिए बुलाया था।

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Published August 27th, 2021 at 21:40 IST

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