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Updated December 21st, 2018 at 13:29 IST

IAF चीफ को ''झूठा'' बोलने वाले कांग्रेस के बयान पर चिदंबरम की सफाई, 'हम सवाल नहीं उठा रहे'

कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने अपने ही पार्टी के नेता वीरप्पा मोइली के बेतुके बयान पर सफाई और डैमेज कंट्रोल करते दिखाई दे रहे हैं.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने अपने अपने ही पार्टी के नेता वीरप्पा मोइली के बेतुके बयान पर सफाई और डैमेज कंट्रोल करते दिखाई दे रहे हैं. दरअसल कांग्रेस नेता मोइली ने भारतीय वायुसेना प्रमुख BS धनोआ को झूठा करार दिया था. धनोआ पर निशाना साधाते हुए उन्होंने कहा था कि वो "सच्चाई को दबा" रहे हैं

पी चिदंबरम इस मसले के तूल पकड़ने के बाद सफाई पेश की है. एक समाचार ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने राफले सौदे को लेकर सरकार पर हमला किया और बलों को कुछ सलाह दी..

चिदंबरम ने कहा, "हम ये नहीं कह रहे हैं कि राफले एक बुरा विमान है. आखिरकार, ये UPA सरकार है जिसने राफले विमान को अनुबंधित किया. हम ये नहीं कह रहे हैं कि राफले एक खराब विमान है. हम कह रहे हैं राफले एक अच्छा विमान है. हमने अनुबंध किया भारतीय वायुसेना द्वारा मांगे गए 126 विमानों को खरीदने के लिए. ये सरकार केवल 36 विमान खरीद रही है. अगर आईएएफ प्रमुख टिप्पणी करना चाहता है, तो उसे वास्तव में पूछना चाहिए कि आप केवल 36 विमान खरीद रहे हैं जब हमारी आवश्यकता 126 विमान है. यही सवाल है कि वो पूछना चाहिए."

 

राफेल सौदे पर पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, “हम वायुसेना के चीफ पर सवाल खड़े नहीं कर रहे हैं. हम विनम्रतापूर्वक सेना और वायुसेना से अनुरोध कर रहे हैं वे इस बहस से बाहर रहें, क्योंकि कोई भी विमान की क्षमता पर संदेह नहीं कर रहा है. सवाल सौदे पर खड़े किए जा रहे हैं.”

इसे भी पढ़ें- राफेल सौदे को लेकर एयरफोर्स चीफ के बयान पर आगबबूला हुई कांग्रेस, बोली- "झूठ" बोल रहे हैं BS धनोआ...

 बुधवार को जोधपुर एयरबेस में बोलते हुए, IAF प्रमुख बीएस धनोआ ने सवाल के जवाब में कहा, "किसने कहा है कि हमें राफले की जरूरत नहीं है? हम कह रहे हैं कि हमें इसकी आवश्यकता है. सरकार कह रही है कि हमें इसकी आवश्यकता है. सुप्रीम कोर्ट ने एक अच्छा फैसला दिया है और यहां तक ​​कि इसके अंदर भी कहा गया है कि वायुसेना को इसकी जरूरत है."

इसके बाद गुरुवार को वीरप्पा मोइली ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा था, ''सरकारी कागजातों में रक्षा मंत्रालय और वायु सेना प्रमुख चाहते थे कि एचएएल इस डील का हिस्सा बने. आईएएफ चीफ ने डसाल्ट के प्रमुख के साथ एचएएल का दौरा किया था और इसे ऑफसेट कंपनी के लिए सक्षम पाया था. मुझे लगता है कि इस मुद्दे पर वायु सेना प्रमुख की राय ठीक नहीं है. वह सच्चाई को दबा रहे हैं और झूठ बोल रहे हैं.''

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Published December 21st, 2018 at 12:11 IST

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