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Updated January 5th, 2021 at 19:04 IST

नोएडा के विधायक पंकज सिंह ने भारतीय किसान परिषद के प्रतिनिधियों से की मुलाकात, समस्याओं पर की चर्चा

नोएडा विधायक पंकज सिंह ने मंगलवार को किसान संघर्ष समिति और भारतीय किसान परिषद के प्रतिनिधियों के साथ किसानों की समस्याओं से संबंधित विषयों पर चर्चा की।

Reported by: Sakshi Bansal
| Image:self
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बीजेपी नेता और नोएडा विधायक पंकज सिंह ने मंगलवार को लखनऊ आवास पर किसान संघर्ष समिति और भारतीय किसान परिषद के प्रतिनिधियों के साथ नोएडा में किसानों की समस्याओं से संबंधित विषयों पर चर्चा की। उन्होंने ट्विटर पर बैठक की कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं।

साथ ही उन्होंने आगे बताया कि औद्योगिक विकास प्राधिकरण के चेयरमैन आलोक टंडन से भी फोन पर बात कर लखनऊ सचिवालय में सभी किसान प्रतिनिधियों के साथ उनकी बैठक करवाई।

सरकार के साथ किसानों का गतिरोध जारी

भीषण सर्दी, बारिश और जलभराव की स्थिति में भी किसान विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की अपनी मांग को लेकर दिल्ली से लगी सीमाओं पर डटे हैं।

सरकार और किसान संगठनों के बीच सोमवार को हुई सातवें दौर की वार्ता भी बेनतीजा रही थी। किसान संगठनों के प्रतिनिधि इन कानूनों को पूरी तरह निरस्त करने की अपनी मांग पर अड़े रहे जबकि सरकार कानूनों की ‘‘खामियों’’ वाले बिन्दुओं या उनके अन्य विकल्पों पर चर्चा करना चाह रही थी। दोनों के बीच अब अगली बातचीत आठ जनवरी को होगी।

बैठक के बाद केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने पत्रकारों से बात करते हुए अगली बैठक में सकारात्मक वार्ता होने और समाधान निकलने की उम्मीद जतायी, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘‘समाधान पर पहुंचने के लिए दोनों पक्षों की ओर से प्रयास किए जाने चाहिए’’।

भीषण सर्दी के मौसम में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से डटे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

भीषण सर्दी के मौसम में विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली से लगी सीमाओं पर पिछले करीब 40 दिन से डटे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश से हैं।

शहर में पिछले कुछ दिनों से बारिश हो रही है, जिसके बाद दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति (डीएसजीएमसी) ने शहर के सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को बारिश से बचाने के लिये तंबुओं में अस्थायी ऊंचे बिस्तर उपलब्ध कराए हैं। तंबुओं के मुख्य मंच के ठीक पीछे और राजमार्ग के ढलान वाले हिस्से पर होने के कारण, वहां बारिश में जलभराव का खतरा बना रहता है।

ये भी पढ़ेंः महाराष्ट्रः किसान नेता ने दी RSS कार्यालय और मोहन भागवत को उड़ाने की धमकी, FIR दर्ज

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Published January 5th, 2021 at 18:57 IST

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