Updated December 1st, 2021 at 09:05 IST
उमर अब्दुल्ला ने PDP पर साधा निशाना, कहा- ‘BJP के साथ उसके गठबंधन से हुआ अनुच्छेद 370 निरस्त’
Jammu and Kashmir: नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मंगलवार को चटरू में अपनी रैली के दौरान पहली बार पीडीपी पर निशाना साधा है।
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Jammu and Kashmir: नेकां के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने मंगलवार को चटरू में अपनी रैली के दौरान पहली बार पीडीपी पर निशाना साधा है। ये खुलासा करते हुए कि उनकी पार्टी ने 2014 के जम्मू और कश्मीर विधानसभा चुनावों के बाद दिवंगत मुफ्ती मोहम्मद सईद (Mufti Mohammad Sayeed) को बिना शर्त समर्थन दिया था, अब्दुल्ला ने अफसोस जताया कि उन्होंने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और बीजेपी के साथ सरकार बनाने का फैसला किया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम के अनुसार, इस गठबंधन ने आखिरकार अनुच्छेद 370 के निरस्त (abrogation of Article 370) होने का मार्ग प्रशस्त किया। इसके अलावा, उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र जम्मू-कश्मीर से संबंधित किसी भी वादे को पूरा करने में विफल रहा है।
उमर अब्दुल्ला ने कहा- “उन्होंने हमारी बुनियादी कमजोरी का फायदा उठाया। मुझे पता था कि यह संभव है। इसलिए 2014 के चुनाव के बाद, मैंने मुफ्ती मोहम्मद सईद की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया था। मैंने उनसे कहा कि आप जो रास्ता चुन रहे हैं वह जम्मू-कश्मीर के लिए बहुत खतरनाक साबित होगा। इस फैसले के बाद हमारा जीवित रहना बहुत मुश्किल होगा। मैंने उन्हें आश्वासन दिया कि उन्हें इस गलत धारणा में नहीं रहना चाहिए कि मुझे सत्ता की लालसा है। मैं 6 साल तक सीएम की कुर्सी पर बैठा रहा।”
उन्होंने आगे कहा, “मुझे सत्ता का कोई लालच नहीं है। न ही मेरे सहयोगी मंत्री बनना चाहते हैं। हम राज्यसभा सदस्य या एमएलसी नहीं बनना चाहते हैं। हम आपको बिना शर्त समर्थन देंगे। आप सरकार बनाएं लेकिन कम से कम उन लोगों को (सत्ता में) नहीं लाना, जिनकी इस क्षेत्र को लेकर मंशा ठीक नहीं है। लेकिन उस समय उनकी अपनी मजबूरियां थीं। उन्होंने एक अलग फैसला लिया।”
पूर्व सीएम ने कहा- “मुझे नहीं पता कि हम कब तक उस एक फैसले की सजा भुगतते रहेंगे क्योंकि हमें बताई गई एक भी बात सच नहीं हुई है। हमें बताया गया कि अनुच्छेद 370 (Article 370) के निरस्त होने के बाद यहां शांति होगी। काम शुरू होगा और बाहर से निवेश आएगा।”
बीजेपी-पीडीपी गठबंधन (BJP-PDP alliance)
गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा चुनाव नवंबर-दिसंबर 2014 में हुआ था, जिसने त्रिशंकु विधानसभा को जन्म दिया। 87 सदस्यीय सदन में, पीडीपी के 28 सदस्य थे, बीजेपी के 25, नेकां के 15 और कांग्रेस के 12 थे। 1 मार्च 2015 को, पीडीपी और बीजेपी के गठबंधन बनाने के बाद पीडीपी के संस्थापक मुफ्ती मोहम्मद सईद ने मुख्यमंत्री के रूप में पदभार संभाला। फिर जनवरी 2016 में उनकी असामयिक मौत के बाद, उनकी बेटी और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने 4 अप्रैल, 2016 को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली।
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Published December 1st, 2021 at 09:05 IST
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