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Updated December 25th, 2018 at 13:30 IST

इमरान खान पर जमकर बरसे मोहम्मद कैफ, PAK में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर भी दिखाया आइना

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने इमरान खान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर आइना दिखाया है.

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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नसीरुद्दीन शाह के बयान के बहाने भारत और पीएम मोदी पर निशाना साधने वाले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अब चौतराफा अलोचना झेलनी पड़ रही है. एक बाद एक दिग्गज कई दिग्गजों ने पाकिस्तान को अपने यहां अल्पसंख्यक की स्थिति देखने की सलाह दी है. इसी कड़ी में अब एक ओर नाम जुड़ गया है.

पूर्व भारतीय क्रिकेटर मोहम्मद कैफ ने इमरान खान को मुंहतोड़ जवाब देते हुए पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर आइना दिखाया है.

कैफ ने मंगलवार को ट्वीट करते हुए कहा कि जिस वक्त पाकिस्तान विभाजित हुआ था,  वहां करीब 20 प्रतिशत अल्फसंख्यक थे, लेकिन अब वहां 2 प्रतिशत से भी कम बचे हैं. दूसरी ओर अल्पसंख्यक आबादी आजादी के बाद से भारत में काफी बढ़ी है. पाकिस्तान आखिरी देश है जो किसी भी देश को अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार करने के तरीके पर व्याख्यान देना चाहिए.

ओवैसी का करारा पलटवार

इससे पहले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम)  के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने  ट्वीट करते हुए कहा था कि पाकिस्तान के संविधान के अनुसार सिर्फ इस्लाम धर्म से वास्ता रखने वाला ही वहां का राष्ट्रपति बन सकता है. वहीं भारत के इतिहास में कई ऐसे राष्ट्रपति बने जो अल्‍पसंख्‍यक समुदाय से आते थे. ये बिल्कुल सही समय है कि हमसे, हमारी विविधता और अल्‍पसंख्‍यकों को अधिकार देने के तरीके से कुछ सीखने का.

पाक पीएम को बिगड़े बोल..

इमरान खान ने जिन्ना का जिक्र करते हुए आगे कहा कि वे कांग्रेस के बड़े नेताओं में एक थे. उन्हें हिंदू - मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता था. लेकिन उन्हें लगा कि कांग्रेस मुस्लिमों को बराबरी का अधिकार नहीं देगी. इसलिए उन्‍होंने अलग मुल्‍क की मांग की. वे नहीं चाहते थे कि मुसलमान दोयम दर्जे के नागरिक बने. पाकिस्तान की स्थापना करने वाले मोहम्‍मद अली जिन्‍ना का यही विजन था.

इमरान खान ने नसीरूद्दीन शाह का नाम लेते हुए कहा, 'आज के हिंदुस्‍तान में यही  हो रहा है. मैं नसीरूद्दीन शाह का पढ़ रहा था, वह जो बातें कर रहे हैं वह बातें जिन्‍ना कह चुके थे. वे समझते थे कि हिंदुस्‍तान में मुसलमानों को बराबर का नागरिक नहीं माना जाएगा. वही आज हिंदुस्‍तान में हो रहा है.'.

क्या था नसीरुद्दीन का बयान?

गौरतलब है कि नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार सिंह की मौत की ओर स्पष्ट इशारा करते हुए कहा है, "लोगों को कानून अपने हाथों में लेने की खुली छूट मिल गई है. कई इलाकों में हम देख रहे हैं कि एक पुलिस अफसर की मौत के बनिस्बत एक गाय की मौत को ज्यादा अहमियत दी जाती है.'' जिसके बाद अपने बयान को लेकर नसीरुद्दीन सवालों के कटघरे में आ गए थे.

विवाद बढ़ता देख दी सफाई..

मीडिया के सामने नसीरुद्दीन ने कहा, ''मुझे मालूम नहीं क्यों.. जो मैंने बात कही वो एक चिंतित भारतवासी के हैसीयत से कही है. मैं पहले भी कह चुका हूं. मुझे नहीं मालूम कि इस दफा ऐसा क्या कह दिया कि मुझे गद्दार ठहराया जा रहा है. अजीब बात है.

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Published December 25th, 2018 at 13:30 IST

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