Updated January 3rd, 2019 at 12:26 IST
MISA बंदियों की पेंशन पर अस्थाई रोक, BJP ने कमलनाथ को बताया 'चीयरलीडर्स'
कमलनाथ की अगुवाई वाली मध्यप्रदेश सरकार ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत मिलने वाले पेंशन के भुगतान को रोक दिया है.
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कमलनाथ की अगुवाई वाली मध्यप्रदेश सरकार ने आंतरिक सुरक्षा अधिनियम (MISA) के तहत मिलने वाले पेंशन के भुगतान को रोक दिया है. कमलनाथ सरकार ने फिलहाल मीसा बंदियों की पेंशन अस्थाई तौर पर बंद कर दिया है. जिसे लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और राज्यवर्धन सिंह राठौर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा है.
सरकार का कहना है कि जिन्हें पेंशन मिलती है उसकी जांच के बाद इसे फिर से शुरू किया जाएगा. हालांकि इस जांच में कितना वक्त लगेगा यह अभी साफ नहीं किया गया है.
केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कमलनाथ को खूब खरी खोटी सुनाई. ट्विटर पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, ''इंदिरा गांधी के तीसरे बेटे ने इमरजेंसी के दौरान लोकतांत्रिक मूल्यों के लिए लड़ने वालों के पेंशन को बंद कर दिया''
ट्वीट यहां पढ़ें:
इसके अलावा केंद्रीय खेल राज्य मंत्री राज्यवर्धन सिंह ने कमलनाथ पर धावा बोलते हुए कहा, 'इमरजेंसी के सबसे महान चीयरलीडर्स कमलनाथ ने इमरजेंसी के दौरान लोकतंत्र के लिए लड़ने वाले लोगों के पेंशन को बंद कर दिया है.'
ट्वीट यहां पढ़ें:
लोकनायक जयप्रकाश सम्मान निधि नामक पेंशन योजना, 2008 में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार द्वारा शुरू की गई थी. बाद में इसे कानून में बदल दिया गया.
29 दिसंबर को जारी एक एमपी सरकार के आदेश में कहा गया है कि अधिकारियों को पूर्व मीसा बंदियों का भौतिक सत्यापन करने के लिए निर्देशित किया गया है, और जब तक यह कवायद खत्म नहीं हो जाती, तब तक 25,000 रुपये की मासिक पेंशन का भुगतान नहीं किया जाना चाहिए.
प्रावधान से अधिक व्यय का हवाला दिया गया है. आदेश में कहा गया है कि लोक लेखा समिति के समक्ष विभाग को स्थिति स्पष्ट करने में कठिनाई आती है, साथ ही लोक लेखा समिति की अनुशंसा पर बजट से अधिक व्यय की राशि के नियमन के लिए विधानसभा में पुनः विधेयक प्रस्तुत करने की आवश्यकता हो जाती है.
सामान्य प्रशासन विभाग ने पेंशन पर अस्थाई रोक लगाते हुए इसकी वजह पेंशन पाने वालों का भौतिक सत्यापन और पेंशन वितरण की प्रकिया को अधिक पारदर्शी बनाना बताया. इसके लिए सीएजी की रिपोर्ट को आधार बनाया गया.
मध्य प्रदेश में फिलहाल 2000 से ज्यादा मीसाबंदी 25 हजार रुपये मासिक पेंशन ले रहे हैं. साल 2008 में शिवराज सरकार ने मीसा बंदियों को 3000 और 6000 पेंशन देने का प्रावधान किया. बाद में पेंशन राशि बढ़ाकर 10000 रुपये की गई. साल 2017 में मीसा बंदियों की पेंशन राशि बढ़ाकर 25000 रुपये की गई. इस पर सालाना करीब 75 करोड़ का खर्च आता है.
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Published January 3rd, 2019 at 12:15 IST
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