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Updated January 8th, 2019 at 13:52 IST

मोदी कैबिनेट का ऐतिहासिक फैसला, ''आर्थिक रूप से कमजोर सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण''

मिली जानकारी के मुताबिक आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जातियों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए आरक्षण देने का फैसला लिया है.

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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देश के हालिया माहौल को देखते हुए राजनीतिक सरगर्मी परवान पर है. लोकसभा चुनाव को देखते हुए सभी पार्टियां अपने-अपने दांव पेंच आजमाने में जुटे हुए हैं. 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव का काउंट डाउन शुरू हो चुका है. इस बीच केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार को हुई कैबिनेट बैठक में ऐतिहासिक फैसला लिया है.

आरक्षण देश में हमेशा से ही काफी बड़ा मुद्दा रहा है. जिसे लेकर आए दिन घमासान देखने को मिल ही जाता है. लेकिन इस बीच लोकसभा चुनाव से कुछ वक्त पहले केंद्र की मोदी सरकार ने आरक्षण के मद्देनज़र एक बड़ा दांव खेला है. मोदी कैबिनेट में फैसला लिया गया है कि सरकार आरक्षण का कोटा बढ़ाएगी.

मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में लिए गए इस बड़े फैसले को एक ऐतिहासिक बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है. 

मिली जानकारी के मुताबिक आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जातियों के लिए सरकार ने बड़ी घोषणा करते हुए आरक्षण देने का फैसला लिया है. जानकारी के मुताबिक कैबिनेट ने आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति के लोगों को 10 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दे दी है.

आरक्षण बढ़ाने के इस ऐतिहासिक फैसले में आर्थिक रूप से कमजोर को 10 फीसदी आरक्षण देने की मंजूरी मिली है. 

बता दें, इस फैसले के साथ ही आरक्षण का कोटा 50 फीसदी से बढ़कर 60 फीसदी हो जाएगी. ये आरक्षण का दायरा सरकार संविधान संशोधन के जरिए बढ़ाएगी. सूत्रों के मुताबिक इस आरक्षण का फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा जिसकी कमाई सलाना 8 लाख से कम है. 

इसे भी पढ़ें - महाराष्ट्र में मुस्लिम आरक्षण की मांग हुई तेज, ओवैसी ने लगाया मुसलमानों को दबाने का आरोप

कैबिनेट के इस फैसले को लेकर विरोधी खेमे में खलबली मच गई है. बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आरक्षण समाधान नहीं है. सरकार के इस फैसले पर अपना विरोध दर्ज करते हुए तेजस्वी ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा.

गौरतलब है कि पिछले कुछ वक्त से SC/ST एक्ट लागू होने के बाद सरकार के खिलाफ सवर्ण आंदोलन और सवर्णों का विरोध देखा जा रहा था. लेकिन इसी बीच मोदी कैबिनेट का ये ऐतिहासिक फैसला सवर्णों की नाराजगी दूर करने के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है. 

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Published January 7th, 2019 at 14:52 IST

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