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Updated January 15th, 2019 at 13:30 IST

CBI के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ विरोध तेज, कांग्रेस ने भी जताई आपत्ति

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र के जरिए PM मोदी से कहा कि सरकार के कदम इस बात का संकेत हैं कि वो CBI की ‘स्वतंत्र’ निदेशक द्वारा अगुवाई किए जाने से डरती है.

Reported by: Ayush Sinha
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केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को लेकर देश में मचा घमासान का सिलसिला बादस्तूर जारी है. नागेश्वर राव की नियुक्ति को लेकर बारंबार सवाल उठने का दौर लगातार चल रहा है. कभी आलोक वर्मा, तो कभी राकेश अस्थाना और अब नागेश्वर राव को लेकर इस विवाद ने नया मोड़ ले लिया है. 

लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीबीआई के अंतरिम निदेशक की नियुक्ति को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिख कर आपत्ति जताई है. खड़गे ने प्रधानमंत्री से सीबीआई के नये प्रमुख की नियुक्ति के लिए चयन समिति की तत्काल बैठक बुलाने की अपील की है.

मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्र के जरिए प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि सरकार के कदम इस बात का संकेत हैं कि वह सीबीआई की ‘स्वतंत्र’ निदेशक द्वारा अगुवाई किए जाने से डरती है.

बता दें, इससे पहले सोमवार को ही एम नागेश्वर राव की केन्द्रीय जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में नियुक्ति को चुनौती देते हुए सोमवार को देश की सर्वोच्च अदालत में एक याचिका दायर की गई है. 

गैर सरकारी संगठन ‘कामन काज’ ने ये जनहित याचिका दायर की है और इसमें केंद्रीय जांच ब्यूरो के अंतरिम निदेशक के रूप में एम नागेश्वर राव की नियुक्ति निरस्त करने का अनुरोध किया गया है.

अधिवक्ता प्रशांत भूषण के माध्यम से दायर इस याचिका में दिल्ली विशेष पुलिस प्रतिष्ठान कानून, 1946 की धारा 4A के तहत लोकपाल और लोकायुक्त कानून, 2013 में किए गए संशोधन में प्रतिपादित प्रक्रिया के अनुसार केन्द्र को जांच ब्यूरो का नियमित निदेशक नियुक्त करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है.

एक के बाद एक लगातार सवाल खड़े होने का दौर चल पड़ा है. ऐसे में सीबीआई के अंतरिम डायरेक्टर को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. 

इसे भी पढ़ें - CBI के अंतरिम निदेशक नागेश्वर राव की नियुक्ति के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

गौरतलब है कि एक अभूतपूर्व कदम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति ने मैराथन बैठक के बाद आलोक वर्मा को गुरुवार को सीबीआई निदेशक के पद से हटा दिया गया था. एक सरकारी आदेश में बताया गया था कि वर्मा को केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत दमकल सेवा, नागरिक रक्षा और होमगार्ड महानिदेशक के पद पर तैनात किया गया. सीबीआई का प्रभार अतिरिक्त निदेशक एम नागेश्वर राव को दिया गया है.

हालांकि आलोक वर्मा ने केंद्र के इस फैसले के बाद ये कहकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था कि ये हर किसी के लिए आत्ममंथन का विषय है. बता दें, उन्हें भ्रष्टाचार और कर्तव्य निर्वहन में लापरवाही के आरोपों में पद से हटाया गया.

अधिकारियों ने बताया था कि 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी वर्मा को पद से हटाने का फैसला बहुमत से किया गया. खड़गे ने इस कदम का विरोध किया था.

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Published January 15th, 2019 at 13:25 IST

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