Advertisement

Updated November 9th, 2018 at 18:29 IST

राम मंदिर निर्माण के लिए ईंटें इकट्ठा करेगी शिवसेना

चलो अयोध्या मुहिम के ऐलान के बाद अब उद्धव ठाकरे मंदिर निर्माण के लिए ईंटों को इकट्ठा करेंगे.

Reported by: Dinesh Mourya
| Image:self
Advertisement

शिवसेना ने राम मंदिर आंदोलन को और तेज कर दिया हैं. चलो अयोध्या मुहिम के ऐलान के बाद अब उद्धव ठाकरे मंदिर निर्माण के लिए ईंटों को इकट्ठा करेंगे. उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे के पहले माहौल में गरमाहट लाने के लिए शिवसैनिक पुरजोर कोशिश कर रही है. शिवसेना नेता जितेंद्र जनावले ने रिपब्लिक टीवी से बातचीत में कहा कि, शनिवार को सैकड़ों शिवसैनिक विले पार्ले स्थित राम मंदिर के पास इकट्ठा होंगें और जय श्री राम लिखे ईंटों की राम मंदिर में पुजा करेंगें और उसके बाद विले पार्ले से उद्धव के आवास मातोश्री तक पैदल मार्च निकालेंगें.

शिवसेना नेता ने कहा कि, हम चाहतें हैं की उद्धव ठाकरे अपने पिता बाल ठाकरे के राम मंदिर निर्माण का सपना पूरा करें. बाल ठाकरे ही इकलौते ऐसे नेता थे जिन्होने सार्वजनिक रुप से कहा था कि, अगर शिवसैनिकों ने बाबरी मस्जिद गिरायी हैं तो उन्हें उनपर गर्व हैं. बाल ठाकरे के जीवन काल में यह सपना पूरा नहीं हो पाया लेकिन अब खुद उद्धव अयोध्या जा रहें हैं तो ये ईंटें साथ में ले जाए ताकि मंदिर निर्माण में इसका इस्तमाल हो सकें.

25 नवंबर को उद्धव अयोध्या जाने वाले हैं. वहां वो सबसे पहले विवादित जमीन पर जायेंगें और बाद में रामलल्ला की पूजा करेंगें और अंत में एक बड़ी जनसभा को संबोधित करेंगें. शिवसेना के सूत्रों के मुताबिक, उद्धव इनमें से कुछ ईंटें अपने साथ ले जायेंगें. पार्टी प्रवक्ता संजय राउत के नेतृत्व में शिवसेना ने उद्धव के मेगा अयोध्या दौरे की तैयारी पूरी कर ली हैं. 

अपने सालाना दशहरा रैली में उद्धव ने बीजेपी को चुनौती देते हुए पहले ही कह दिया हैं कि, या तो बीजेपी राम मंदिर बनाए या फिर वो (शिवसेना) खुद राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरु करेगी.  आरएसएस, वीएचपी सहित कई हिंदू संगठन मंदिर निर्माण के लिए लगातार सरकार पर दबाव बना रहें हैं.

जिस तरह शिवसेना ने मंदिर के मुद्दे पर आक्रामक रुख अपनाया हैं उससे साफ हैं की वो राम मंदिर के मुद्दे को बीजेपी से हथियाना चाहती है. शिवसेना को इस बात का अहसास हैं कि, विवादीत जमीन का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में हैं और अगर सरकार कोर्ट के फैसले के पहले राम मंदिर पर अध्यादेश लाती हैं तो विपक्ष इसे सुप्रीम कोर्ट का अपमान कहकर प्रचारित कर सकती हैं और बीजेपी की इसी मजबूरी का फायदा शिवसेना उठाना चाहती हैं.

Advertisement

Published November 9th, 2018 at 18:29 IST

आपकी आवाज. अब डायरेक्ट.

अपने विचार हमें भेजें, हम उन्हें प्रकाशित करेंगे। यह खंड मॉडरेट किया गया है।

Advertisement

न्यूज़रूम से लेटेस्ट

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Whatsapp logo