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Updated September 19th, 2018 at 14:33 IST

सोनिया गांधी की खामोशी पर बरसे रविशंकर प्रसाद, कहा- 'महिलाओं के खिलाफ दमनकारी तीन तलाक चलता है और वो खामोश​​​​​​​ रहती हैं'

रविशंकर प्रसाद बोले, 'हमने कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर साथ लेने की काफी कोशिश की.. प्रधानमंत्री के निर्देश पर अनंत कुमार और हम उनके नेताओं से मिले थे..

Reported by: Gaurav Kumar
| Image:self
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कैबिनेट ने बुधवार को तीन तलाक पर अध्यादेश को मंजूरी दे दी है. यह अध्यादेश 6 महीने तक लागू रहेगा. बता दें, पिछले दो सत्र से तीन तलका बिल राज्यसभा में अटका हुआ था. इस पूरे मामले पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा ''सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को लेकर एक फैसला किया था जिसमें उन्होंने तीन तलाक को निरस्त कर दिया था. जजों ने कहा था कि इसपर संसद कानून बनाए. हमने लोकसभा से इस कानून को पारित कराया.

इसके साथ ही उन्होंने कुछ आकड़े पेश किए. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, ''अभी तक 430 तीन तलाक की घटनाएं हमें मालूम हुई हैं.. जिसमें 229 जजमेंट के पहले के हैं और 201 जजमेंट के बाद के हैं.. हमारे पास उदाहरण हैं कि रोटी काली हो गई तो तीन तलाक दे दिया.. सुबह लेट से उठी तो तीन तलाक दे दिया.. विदेश से व्‍हाट्सऐप से तीन तलाक दे दिया.. मैं मीडिया का आभार व्यक्त करता हूं कि मीडिया ने इस चीज को छापा है.. मेरे पास खुद काफी शिकायत आती हैं.''

कांग्रेस पार्टी पर बरसे कानून मंत्री -

रविशंकर प्रसाद ने आगे कहा, 'सोनिया जी, ममता जी, मायावती जी से मैं अपील करना चाहता हूं कि आप लोग इसे मानवता के साथ देखे न कि वोट बैंक की राजनीति से ..'

उन्होंने आगे कहा, 'हमने कांग्रेस पार्टी को इस मुद्दे पर साथ लेने की काफी कोशिश की.. प्रधानमंत्री के निर्देश पर अनंत कुमार और हम उनके नेताओं से मिले थे.. गुलाम नबी आजाद ने कहा था कि हम थोड़ा व्यस्त हैं आप अन्य लोगों से मिलिए.. मैंने पांच बार उनसे आग्रह किया.. पांच बार .. कि आप समर्थन दीजिए.. अब तो काफी बदलाव आ गया है..  उन्होंने कहा में ऊपर बात करके बताऊंगा..'

रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'वोट बैंक की राजनीति के दबाव में कांग्रेस पार्टी ने तीन तलाक बिल को अपना समर्थन नहीं दिया. और हमारा स्पष्ट आरोप है कि सोनिया जी जैसी वरिष्ठ महिला नेतृत्व होने के बावजूद महिलाओं के खिलाफ इतना दमनकारी तीन तलाक चलता है और वो खामोश​​​​​​​ रहती हैं.'

तलाक के सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश से हैं -

रविशंकर प्रसाद ने बताया कि 'देश की महिलाएं परेशान हैं और आपकी जानकारी के लिए बता दूं सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश में हो रहा है. जजमेंट से पहले UP में 126 केस हुए और जजमेंट के बाद 120 केस हुए..' 

कानून के तीन मुख्य बिंदु हैं - 

  1. उन्होंने कहा, ''​​​​​​​महिला खुद या उसका कोई नजदीकी रिश्तेदार पुलिस में शिकायत करेगा तभी पुलिस गिरफ्तार करेगी.​​​​​. या फिर ब्लड या मैरेज से उसके कोई रिश्तेदार शिकायत करेंगे.. इसमें कोई अंजान व्यक्ति इसकी शिकायत नहीं कर सकेगा..''
  2. दूसरा इसमें जब पत्नी चाहेगी तब वो समझौता कर सकती है. मजिस्ट्रेट द्वारा उचित शर्तों के साथ ..
  3. इसमें मजिस्ट्रेट बेल दे सकता हैं लेकिन पत्नी की सुनवाई के बाद.. कई बार ऐसा होगा कि मजिस्टेट्र के सामने ही सुनवाई हो जाएगी.. बाकि जो छोटे बच्चे हैं उसकी कस्टडी मां को मिलेगी.. और पत्नी और बच्चे का मेंटेनेंस का अधिकार  मजिस्ट्रेट निर्देश देगा और पति करेगा.

 

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Published September 19th, 2018 at 14:33 IST

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