Updated September 17th, 2020 at 22:41 IST
अर्नब के खिलाफ नोटिस पर अघाड़ी सरकार पर बरसीं कंगना रनौत; कहा- राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन
कंगना रनौत ने महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा अर्नब गोस्वामी को 60 पन्नों का विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजे जाने पर महाराष्ट्र की 'महा विकास अघाड़ी' सरकार पर तीखा हमला बोला है।
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एक्ट्रेस कंगना रनौत ने महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी को 60 पन्नों का विशेषाधिकार हनन का नोटिस भेजे जाने पर महाराष्ट्र की 'महा विकास अघाड़ी' सरकार पर तीखा हमला बोला है। बता दें, कंगना ने अर्नब गोस्वामी के समर्थन में ट्वीट किया है। उन्होंने कहा है कि 'महामारी के समय ये फ़ासीवादी सरकार लोगों को परेशान कर रही है, जो उनके खिलाफ बोल रहे हैं।'
कंगना ने ट्वीट में लिखा, 'महाराष्ट्र महामारी की वजह से सबसे अधिक संक्रमित राज्यों में से एक है। संख्या तेजी से बढ़ रही है लेकिन ये फ़ासीवादी सरकार, जो लोग उनके खिलाफ बोल रहे हैं उन्हें परेशान करने में व्यस्त हैं। हम महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन चाहते हैं।'
वही महाराष्ट्र विधानसभा के नोटिस पर अर्नब ने कहा है कि वो सच के लिए लड़ते रहेंगे और भारत के लोगों की आवाज टीवी पर पहुंचाते रहेंगे। उन्होंने कहा है कि वो सरकार से लगातार सवाल पूछते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि, उनसे रिपोर्टिंग के अधिकार को कोई नहीं छीन सकता है। वहीं इस नोटिस से महाराष्ट्र सरकार की मंशा पर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र सरकार अर्नब गोस्वामी को सवाल पूछने से रोकना चाहती है?
अर्नब का बयान
''मैं भारत के लोगों से बात करना चाहता हूं। महाराष्ट्र की विधानसभा ने मुझे 60 पन्नों की एक चिट्ठी भेजी है। मुझसे पूछा गया है कि मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से सवाल क्यों कर रहा हूं। मुझे जेल भेजने और विशेषाधिकार हनन की धमकी दी गई है। मैंने इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया है। मैं उद्धव ठाकरे और दूसरे चुने हुए प्रतिनिधियों से सवाल पूछता रहूंगा और उनसे लड़ता रहूंगा। मैं उनसे कोर्ट में लड़ूंगा, लेकिन ऐसी अलोकतांत्रिक परंपराओं से हार नहीं मानूंगा। संविधान पर किसी का विशेषाधिकार नहीं है। इस पर देश के हर नागरिक का अधिकार है। मैं इस अधिकार का प्रयोग जारी रखूंगा और अपने सवाल पूछता रहूंगा। मुझसे रिपोर्टिंग का अधिकार कोई नहीं छीन सकता।''
हाल ही में रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क के रिपोर्टर अनुज कुमार, वीडियो जर्नलिस्ट यशपालजीत सिंह और ओला कैब ड्राइवर प्रदीप दिलीप धनावड़े को गिरफ्तार कर लिया गया था। महाराष्ट्र पुलिस ने रिपब्लिक की टीम को तब जेल में डाला था जब ये टीम एक स्टोरी के सिलसिले में सुराग का पता लगाते हुए रायगढ़ के कर्जत गई थी। बता दें, महाराष्ट्र पुलिस के द्वारा रिपोर्टर अनुज समेत अन्य को कानूनी विकल्पों से वंचित कर दिया गया था।
इस पूरे मामले पर कई राजनीतिक पार्टियों ने महाराष्ट्र सरकार की तीखी आलोचना करते हुए पत्रकारों की जल्द रिहाई की मांग की थी। जिसके बाद सभी पत्रकारों को जमानत पर छोड़ दिया गया था।
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Published September 17th, 2020 at 22:19 IST
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