Updated January 11th, 2019 at 10:52 IST
यूपी में मायावती - अखिलेश के साथ अजित की दोस्ती पक्की, साझा प्रेस कांफ्रेंस कल
26 साल पहले यानी 1993 में हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों में आई दूरी के बाद यह पहला मौका है जब दोनों नेता एक साथ पत्रकारों के सामने रुबरु होगें.
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लखनऊ - समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती शनिवार दोपहर संयुक्त रूप से संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करेंगे .
इस आशय की जानकारी शुक्रवार सुबह बसपा के महासचिव सतीश मिश्रा और सपा सचिव राजेंद्र चौधरी ने एक साझा बयान में दी.
26 साल पहले यानी 1993 में हुए गेस्ट हाउस कांड के बाद दोनों पार्टियों में आई दूरी के बाद यह पहला मौका है जब दोनों नेता एक साथ पत्रकारों के सामने रुबरु होगें.
बता दें कि एसपी - बीएसपी के गठबंधन को लेकर लंबे वक्त से बातचीत चल रही थी. सपा की ओर से जारी मीडिया नियंत्रण के मुताबिक ये प्रेस कान्फ्रेंस लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल ताज में होगी. इससे पहले दिल्ली में अखिलेश यादव ने मायावती से मुलाकात की थी. दोनों की यह मुलाकात डेढ़ घंटे तक चली थी. मुलाकात के बाद सूत्रों के मुताबिक ऐसी खबरें थीं कि दोनों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला तय हो चुका है. अब केवल इसका औपचारिक ऐलान किया जाना बाकी है.
बता दें इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में यूपी में इस गठबंधन का क्या सवरुप होगा इसका भी ऐलान किया जाएगा. जानकारी के अनुसार समाजवादी पार्टी 35 सीट , बसपा 36 सीट और राष्ट्रीय लोकदल 3 सीट पर चुनाव लड़ेगी . वहीं कुछ सीटे रिजर्व रखी जाएंगी. इसके अलावा गठबंधन अमेठी और रायबरेली में अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा.
यूपी में अवैध खनन मामले को लेकर सीबीआई द्वारा शिकंजा कसने के बाद बसपा अध्यक्ष मायवती ने अखिलेश यादव को फोन किया था. मायावती ने इसे बीजेपी का घिनौना षड्यंत्र करार दिया था. उन्होंने कहा था कि ये बीजेपी का पुराना हथकंडा है.
याद दिला दें कि गोरखपुर उपचुनाव से ही दोनों पार्टियों 26 साल की पुरानी दुश्मनी भुला कर साथ आईं थीं. अखिलेश यादव पर हाल ही में सीबीआई द्वारा अवैध खनन मामले में शिकंजा कसने के बाद मायावती पूरी तरह से उसके साथ दिखी .
यह भी कहा जा रहा है कि अगर अखिलेश और माया गठबंधन करते हैं तो 25 साल पहले का करिश्मा फिर से दोहराया जा सकता है, जब एसपी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने कांशीराम के साथ बीजेपी को रोकने के लिए हाथ मिलाकार यूपी में सरकार बनाई थी.
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Published January 11th, 2019 at 10:52 IST
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