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Updated September 7th, 2018 at 11:21 IST

भारत ने अमेरिका से कहा: पाकिस्तान अपनी धरती पर पनपने वाले आतंकवाद के खिलाफ करे कार्रवाई ..

भारत और अमेरिका ने गुरुवार को पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके भूभाग का उपयोग आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं हो.

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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भारत और अमेरिका ने गुरुवार को पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके भूभाग का उपयोग आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं हो. दोनों देशों ने पाकिस्तान से यह भी कहा कि मुंबई, पठानकोट और उरी हमले सहित सीमा पार से हुए विभिन्न आतंकवादी हमलों के सरगनाओं को जल्द से जल्द न्याय की जद में लाया जाए. पाकिस्तान को यह सख्त चेतावनी भारत और अमेरिका के बीच पहली बार हुई ‘‘टू प्लस टू’’ वार्ता के बाद दी गई. वार्ता के दौरान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल आर पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ व्यापक विचार-विमर्श किया.

वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त बयान में कहा गया है कि मंत्रियों ने ज्ञात या संदिग्ध आतंकवादियों के बारे में सूचना साझा करने के प्रयासों को बढ़ाने और विदेशी आतंकवादियों के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संकल्प 2396 को लागू करने के अपने इरादे की घोषणा की. इसमें कहा गया है कि मंत्रियों ने इस क्षेत्र में परोक्ष आतंकवाद के किसी भी प्रयोग की निंदा की और इस संदर्भ में उन्होंने पाकिस्तान को यह सुनिश्चित करने को कहा कि उसके नियंत्रण वाले भूभाग का उपयोग दूसरे देशों में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाए.

सुषमा स्वराज ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद विरोधी भारत-अमेरिका सहयोग ने नयी "गुणात्मक बढ़त और उद्देश्य" हासिल किया है. उन्होंने कहा कि हमने लश्कर-ए-तैयबा आतंकवादियों के संबंध में अमेरिका की हालिया घोषणाओं का स्वागत किया. उन्होंने पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के खतरे पर अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की चिंता को रेखांकित किया. इसने भारत और अमेरिका को समान रूप से प्रभावित किया है. उन्होंने कहा कि 26/11 के हमलों की 10 वीं बरसी पर हमने इस आतंकवादी हमले के पीछे के सरगनाओं के लिए न्याय और दंड के महत्व की पहचान की.

निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत और अमेरिका "आतंकवाद के लगातार खतरे" और अन्य साझा सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बयान के अनुसार मंत्रियों ने संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्य टास्क फोर्स (एफएटीएफ) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर अपने सतत सहयोग को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्धता जताई.

इसमें कहा गया है कि मंत्रियों ने 2017 में आतंकवादियों के संबंध में की गई घोषणाओं पर द्विपक्षीय वार्ता की शुरूआत का स्वागत किया जो अल-कायदा, आईएसआईएस, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, हिजब-उल मुजाहिदीन, हक्कानी नेटवर्क, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, डी-कंपनी और उनसे जुड़े विभिन्न आतंकवादी समूहों के खिलाफ कार्रवाई और सहयोग को मजबूत कर रहा है.

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Published September 7th, 2018 at 11:21 IST

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