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Updated December 12th, 2018 at 10:01 IST

'पिक्चर अभी बाकी है': मध्य प्रदेश में सत्ता से चंद कदम दूर कांग्रेस को मिलेगा निर्दलीय उम्मीदवारों साथ?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी परंपरागत सीट बुधनी से 58,999 मतों के अंतर से जीत हासिल की है

Reported by: Neeraj Chouhan
| Image:self
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मध्यप्रदेश में सभी 230 सीटों के चुनावी नतीजे सामने आने के बाद तस्वीर साफ हो गई है कि कांग्रेस को यहां सरकार बनाने में चार निर्दलीय उम्मीदवारों में से एक की अथवा समाजवादी पार्टी के इकलौते विधायक की सहायता लेनी पड़ेगी .

बुधवार सुबह साढ़े आठ बजे तक सभी 230 सीटों के परिणाम आ गए थे . जिनमें से कांग्रेस के खाते में 114 और भाजपा के खाते में 109 सीटें गई हैं . इसके अलावा मायावती की बहुजन समाजवादी पार्टी को दो सीटें मिली हैं और अखिलेश यादव नीत समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली है . चार निर्दलीय उम्मीदवारों को भी चुनाव में जीत हासिल हुई है .

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने अपनी परंपरागत सीट बुधनी से 58,999 मतों के अंतर से जीत हासिल की है . उन्होंने पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव को हराया .

यहां मतदान 28 नवंबर को हुए थे और मतों की गणना मंगलवार को आठ बजे सुबह शुरू हुई थी .

कांग्रेस द्वारा अपने वचन पत्र (घोषणा पत्र) में मध्यप्रदेश के सभी किसानों को दो लाख रूपये तक कर्ज माफ करने एवं उनकी विभिन्न उपजों पर बोनस देने का वादा कांग्रेस के लिए इस विधानसभा चुनाव में फायदेमंद रहा . कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक मुख्य वजह रही .

कांग्रेस द्वारा अपने वचन पत्र (घोषणा पत्र) में मध्यप्रदेश के सभी किसानों को दो लाख रूपये तक कर्ज माफ करने एवं उनकी विभिन्न उपजों पर बोनस देने का वादा कांग्रेस के लिए इस विधानसभा चुनाव में फायदेमंद रहा . कांग्रेस का अच्छा प्रदर्शन करने की यह भी एक मुख्य वजह रही .

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान इन दोनों वादों को प्रमुखता से अपनी सभी चुनावी सभाओं में उठा कर लोगों को पार्टी के पक्ष में मतदान करने के लिए आकर्षित किया था .

राहुल की इस लोकलुभावन वादे से किसानों ने अपनी धान की फसल को बेचना बंद कर दिया था . उन्हें डर था कि यदि वे अपनी फसल को सरकारी उपार्जन केन्द्रों में बेचेंगे, तो उनकी उपज को बेचने के एवज में मिले रूपये सीधे उनके बैंक खाते में चले जाएंगे और बैंक खुद ब खुद (आटोमैटिकली) उनके खाते से उनके द्वारा लिये गये उस कर्ज के पैसे काट देंगे, जो कांग्रेस की सरकार आने में अपने आप माफ होने वाले हैं .

कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में सभी किसानों को दो लाख रूपये तक का कर्ज माफ करने के साथ-साथ किसानों को उनकी उपजों गेहूं, धान, ज्वार, बाजरा, मक्क्, सोयाबीन, सरसों, कपास, अरहर, मूंग, चना, मसूर, उड़द, लहसुन, प्याज, टमाटर एवं गन्ना पर बोनस देने के वादा किया था . इसके बाद किसानों ने अपनी इस बोनस का लाभ लेने के लिए भी अपनी उपजों को मंडी एवं बाजार में बेचना बंद कर दिया था, ताकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद इन पर बोनस भी लिया जा सके .

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में भापजा ने 165 सीटें जीती थी, जबकि कांग्रेस ने 58 सीटें, बसपा ने चार एवं तीन निर्दलीय के खाते में गये थे 

(इनपुट- भाषा)

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Published December 12th, 2018 at 09:53 IST

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