Updated October 3rd, 2020 at 15:38 IST
हाथरस केसः कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने स्मृति ईरानी को घेरा, विरोध में की नारेबाज़ी
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को शनिवार दोपहर वाराणसी में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा रोका दिया गया।
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केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को शनिवार दोपहर वाराणसी में कुछ कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा रोका दिया गया। उन्होंने बीजेपी सांसद की गाड़ी को घेर लिया और उनसे हाथरस की मृत पीड़िता के साथ हुए कथित गैंगरेप के ऊपर सवाल करने लगे।
बता दें कि 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक 19 साल की युवती के साथ कथित तौर पर ''चार व्यक्तियों ने रेप'' किया था जिसके बाद मंगलवार को उसकी मौत हो गई। स्मृति इस मामले पर प्रेस कॉन्फ़्रेंस के लिए वाराणसी गई थी जिस दौरान उनके काफ़िले को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने रोक दिया और उनके खिलाफ नारेबाज़ी करने लगे।
नाराज कार्यकर्ता ‘स्मृति ईरानी गो बैक’ और ‘स्मृति ईरानी इस्तीफ़ा दो’ के नारे लगाने लगे और अब तक इस मामले में चुप्पी बनाए रखने के लिए उन्हें ‘चूड़ियां’ तोहफे में देने लगे। साथ ही कुछ कार्यकर्ता हाथों में प्लेकार्ड लेकर भी ‘हाथरस की बेटी के लिए इंसाफ’ की मांग करने लगे। इसके बाद कई कांग्रेसी नेता और कार्यकर्ता गिरफ्तार कर लिए गए हैं।
'राहुल गांधी का हाथरस जाना राजनीति'
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी द्वारा पीड़िता के परिवार से मिलने की जिद करने पर स्मृति ईरानी ने कहा कि ‘जनता ये समझती है कि उनकी (राहुल गांधी) हाथरस की तरफ कूच राजनीति के लिए है, इंसाफ के लिए नहीं है।’ बीजेपी सांसद ने आगे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से पूछा कि ‘क्या वो दोनों राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ हो रही घटनाओं को लेकर राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को फोन करेंगे?’
हाथरस केस के बाद केंद्र सरकार, विशेष रूप से यूपी सरकार लोगों और विपक्ष के निशाने पर आ गई है। देश के कई हिस्सों में हाथरस की पीड़िता के लिए इंसाफ की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन देखे गए।
स्मृति ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि “मैंने जो चैनल देखें है वहां मीडिया उपस्थित है, निर्भया फंड का गठन 2013 में हुआ था लेकिन फंड का पैसा महिला सुरक्षा में राज्यों में नहीं पहुंचाया गया। पहली बार महिला हेल्पलाइन की व्यवस्था मोदी सरकार ने की, 55 लाख महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराई गई।”
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दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन देते हुए स्मृति ने कहा कि ‘बीजेपी का उद्देश्य महिला और पुरूष दोनों के साथ न्याय करना है और कार्रवाई का पूरा अधिकार योगी जी का है और हमें विश्वास है कि SIT की रिपोर्ट के बाद योगी जी कार्रवाई करेंगे।’
ग़ौरतलब है कि 14 सितम्बर को हाथरस में चार लोगों ने 19 वर्षीय लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था और मंगलवार को दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने जबरन उसका अंतिम संस्कार किया जिसे स्थानीय पुलिस ने खारिज कर दिया है। साथ ही राज्य के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार का कहना है कि ''एफएसएल रिपोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि महिला के साथ रेप या सामूहिक दुष्कर्म नहीं हुआ था।''
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Published October 3rd, 2020 at 15:26 IST
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