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Updated February 20th, 2019 at 12:59 IST

पाक परस्तों के खिलाफ एक्शन में सरकार, 12 अलगाववादियों की सुरक्षा और सुविधा पर लग सकती है लगाम

इससे पहले छह अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सरकार ने उन्हें दी गई सभी सुरक्षा और सुविधाएं वापस ले ली है।

Reported by: Ayush Sinha
| Image:self
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जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद मोदी सरकार लगातार एक्शन में है। सरकार आज करीब 12 अलगाववादियों से सुरक्षा और सुविधा वापस लेने पर फैसला कर सकती है। हमले के बाद लगातार मोदी सरकार से अलगावादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की मांग की जा रही है।

इससे पहले छह अलगाववादी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाते हुए सरकार ने उन्हें दी गई सभी सुरक्षा और सुविधाएं वापस ले ली है। जिसमें मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़, अब्दुल गनी बट, बिलाल लोन, हाशिम क़ुरैशी, शबीर शाह और सैयद अली शाह गिलानी शामिल हैं।

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इनसे सारी सरकारी सुविधाएं छीन ली है। अब देश का पैसा, आम लोगों के टैक्स का पैसा बर्बाद नहीं होगा। अब पाकिस्तान परस्तों पर एक पाई भी खर्च नहीं होगी, क्योंकि अब देश के गद्दारों को सरकारी सुरक्षा कवच नहीं मिलेगा।

पुलवामा हुए आतंकी हमले के बाद अलगाववादियों पर भी गाज गिरनी शुरु हो गई है, अलगाववादियों के लिए बुरे दिन आ चुके हैं। अब देश का खाकर देश के खिलाफ साजिश रचने वाले अलगाववादियों की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के गद्दारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी, अब उस पर अमल होने लगा है।

इन-इन अलगाववादियों की सुरक्षा हुई वापस

  1. मीरवाइज फारूक
  2. अब्दुल गनी भट
  3. बिलाल लोन
  4. हाशिम कुरैशी
  5. फजल हक कुरैशी
  6. शब्बीर शाह

जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार का फैसला सिर्फ इन छह अलगावादियों की सुरक्षा वापसी तक सीमित नहीं है, दरअसल सरकार सभी बड़े और बाकी बचे अलगाववादियों की सुरक्षा भी वापस लेने जा रही है। आज जम्मू में एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें अलगाववादियों को दी जाने वाली सुरक्षा की समीक्षा होगी।

भारत के सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में 12 बड़े अलगाववादियों की सुरक्षा वापस लेने का फैसला किया जा सकता है।

अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा पर खर्च

  • अलगाववादी नेताओं की सुरक्षा में करीब 900 जवान तैनात रहते हैं। अलगाववादियों पर सालाना 112 करोड़ रुपए खर्च होते हैं, 112 करोड़ में से 91 करोड़ सिर्फ केंद्र सरकार देती है।

सरकार अलगाववादियों के होटल में रहने, आने जाने और मेडिकल में भी खर्च करती है। सरकारी खर्च पर अलगाववादी घाटी में बैठकर पाकिस्तान का राग अलापते रहे हैं, लेकिन अब उनके दिन पूरे हो चुके हैं। सरकार एक के बाद एक कड़े एक्शन ले रही है। 

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Published February 20th, 2019 at 11:34 IST

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