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Updated September 11th, 2018 at 16:29 IST

Exclusive : मोदी सरकार पर दबाव डालकर लोकसभा चुनाव 2018 में कराने के लिए 100 सांसद दे सकते हैं इस्तीफा

साजिश के तहत जिन सांसदों का समूह को इस्तीफा देने के लिए तैयार किया गया है उन्में कांग्रेस के नेतृत्व में तेलुगु देशम पार्टी और एनसीपी पार्टी के सांसद शामिल हैं. 

Reported by: Amit Bajpayee
| Image:self
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लोकसभा चुनाव जल्दी कराने के लिए गैर- बीजेपी मोर्चा के 100 सांसद लोकसभा से अपना इस्तीफा दे सकते हैं.रिपब्लिक टीवी को मिली जानकारी के अनुसार नरेंद्र मोदी सरकार पर दबाव डालकर जल्द लोकसभा चुनाव कराने के लिए गैर - बीजेपी मोर्चा गोलबंद कर अपने 100 सांसदों को लोकसभा से इस्तीफा दिलवा सकते हैं. 

रिपब्लिक टीवी के सूत्रों ने बताया कि विपक्ष आक्रामक तरीक़े से सियासी गोलबंदी कर 100 से अधिक सांसदों को इस्तीफा दिलवाने का मास्टर प्लान तैयार कर चुका है. अपनी रणनीति के तहत विपक्ष का ऐजेंडा आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा और जस्टिस ऑफ इंडिया के खिलाफ विरोध दर्ज करवाना हैं. 

सूत्रों का कहना है कि साजिश के तहत जिन सांसदों का समूह को इस्तीफा देने के लिए तैयार किया गया है उन्में कांग्रेस के नेतृत्व में चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) और शरद पवार की एनसीपी पार्टी के सांसद शामिल हैं. 

बता दें कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगु देशम पार्टी सुप्रीमो चंद्रबाबू नायडू अपने दो दिनों के दिल्ली प्रवास के दौरान कई विपक्षी नेताओं से ताबड़तोड़ मुलाकात की. 

दिलचस्प बात ये है कि टीडीपी और YSR कांग्रेस ने मोदी सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास मत लाने का प्रस्ताव रखा था. असफल होने पर YSR कांग्रेस के पांच सांसदो ने शुक्रवार को लोकसभा से अपना इस्तीफा दे दिया.

इन वजहों से विपक्ष गोलबंदी कर लोकसभा से दे सकता हैं सामूहिक इस्तीफा 

1. चुनाव से पहले पूरे देश में एंटी मोदी और एंटी बीजेपी की लहर बनाना है.

साजिश के तहत सामूहिक इस्तीफा देकर मोदी सरकार पर विभिन्न मुद्दों पर दबाव डालने का मास्टर प्लान तैयार किया गया हैं. इन मुद्दों में आंध्र प्रदेश, पीएनबी घोटाले, अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति अधिनियम के आदेश, कावेरी जल-साझाकरण विवाद की मांग शामिल है.

2. विपक्ष की एकता और ताकत को ज़मीन पर दिखाने का मौका 

लोकसभा चुनाव के मद्देनजर मोदी विरोधीयों को एक मंच में लाकर गठबंधन खड़ा करने की कोशिश की जा रही हैं. 

बात दें , इसी हफ्ते, चंद्रबाबू नायडू ने शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस के सदस्यों सहित नई दिल्ली में विभिन्न विपक्षों के साथ से ताबड़तोड़ मुलाकात की. वहीं दूसरी ओर ममता बनर्जी और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की कोलकाता में एक हाई प्रोफ़ाइल बैठक हुई थी, 

भाजपा को शिकस्त देने का ख़्वाब पाल रहे विपक्षी नेताओं का मानना है कि उत्तर प्रदेश में हाल में हुए लोकसभा उप चुनावों में एक दूसरे के धुर विरोधी सपा - बसपा ने गठजोड़ कर बिजेपी को अपने ही होमग्राउंड गोरखपुर और फूलपुर में धूल चटाने  में कामयाब रही. ये सीटें पहले यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के थे. 


3. संसद में हंगामा के आरोपों से छुटकारा पाना 

भाजपा ने आरोप लगाया है कि एकजुट विपक्ष संसद चलने नहीं दे रहा जिस वजह से कई अहम बिल लटके हुए है. आरोप की वजह से विपक्ष बैकफुट पर है. इन आरोप से बचने के लिए और आरोपों को अपने सिर माथे से हटाने के लिए इस योजना को अंजाम तक पहुंचा सकते हैं. 

4. नरेंद्र मोदी बनाम सब ( मोदी हटाओ कुर्सी छीनो  )

लोकसभा चुनाव में ''नरेंद्र मोदी बनाम सब'' बनाने लिए सारी विपक्षी पार्टियां  एक जुट हो गए है.  चंद्रबाबू नायडू , शरद पवार , ममता बनर्जी,  एम करुणानिधि जैसे सभी क्षेत्रीय नेता नरेंद्र मोदी के खिलाफ हमले करने में कांग्रेस के साथ हो गए हैं. उन्हें पता है पीएम मोदी की लोकप्रियता को देखते हुए उन्हें एक साथ आना होगा.

सूत्रों ने बताया कि मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करने में असफल होने की वजह के बाद अपने रणनीति के तहत पीएम मोदी को घेरने के लिए 100 से अधिक सांसदों को सामूहिक इस्तीफा दिलवाने की साजिश रच रहे हैं. 

केंद्र में सत्ताधारी मोदी सरकार के खिलाफ बजट सत्र के दूसरे छमाही में अविश्वास प्रस्ताव को टीडीपी, वाईएसआरसीपी और कांग्रेस की ओर से लाने की कोशिश की गई. असफल होने पर विशेष राज्य दर्जा की मांग को लेकर वाईएसआरसीपी के पांच सांसदों ने शुक्रवार को लोकसभा स्‍पीकर सुमित्रा महाजन को अपना इस्‍तीफा सौंप दिया. जिसके बाद वाईएसआर के शीर्ष नेता जगन मोहन रेड्डी ने चंद्रबाबू नायडू को अपने सांसदों को ऐसा ही करने की चुनौती दी.
 

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Published April 6th, 2018 at 20:58 IST

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