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Updated September 15th, 2021 at 17:44 IST

ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने MSEDCL के 'अधिक बकाया' के लिए भाजपा-शिवसेना सरकार को ठहराया 'जिम्मेदार'

ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने महाराष्ट्र में शिव सेना और भाजपा की सरकार पर आरोप लगाया कि इनकी अक्षमता की वजह से महावितरण (Mahavitaran) पर 73,879 करोड़ रुपये का बकाया है।

Reported by: Kanak Kumari
महावितरण के बकाया में 2014-15 में 23,224 करोड़ रुपये से लगातार वृद्धि देखी गई थी।
महावितरण के बकाया में 2014-15 में 23,224 करोड़ रुपये से लगातार वृद्धि देखी गई थी। | Image:self
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महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री नितिन राउत (Energy Minister Nitin Raut) ने मंगलवार को राज्य की पूर्ववर्ती सरकार पर हमाला बोला है। इसके बाद भाजपा (Bhartiya Janta Party) नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी जवाब दिया। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने महाराष्ट्र में शिव सेना और भाजपा की सरकार पर आरोप लगाया कि इनकी अक्षमता की वजह से महावितरण पर 73,879 करोड़ रुपये का बकाया है।

बता दें, महावितरण (Maharashtra State Electricity Distribution Company Limited) देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक डिस्ट्रीब्यूशन यूटिलिटी है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को एक प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें ऊर्जा विभाग के अधिकारियों ने इस बात को प्वाइंट किया कि यदि कंज्यूमर्स से करोड़ों का बकाया नहीं वसूला गया तो राज्य को अंधकार का सामना करना पड़ सकता है।

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बता दें कि महावितरण (Mahavitaran) के बकाया में 2014-15 में 23,224 करोड़ रुपये से लगातार वृद्धि देखी गई थी। ऊर्जा मंत्री नितिन राउत ने मीडिया को बताया कि "एमएसईडीसीएल (MSEDCL) पर 45,440 करोड़ रुपये का ऋण है। यह चिंताजनक है। कमियों को ठीक करने के लिए एक कंसल्टेंसी फर्म को काम पर रखा गया है क्योंकि महाराष्ट्र यूटिलिटी एशिया में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है। उनकी रिपोर्ट कैबिनेट के सामने रखी जाएगी।"

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दूसरी तरफ महाराष्ट्र के ऊर्जा मंत्री पर निशाना साधते हुए भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने टिप्पणी की, "यह उनकी अपनी प्रस्तुति से स्पष्ट है कि उनके कार्यकाल के दौरान बकाया राशि में बहुत वृद्धि हुई है। बकाया में किसानों के लिए पंपों पर क्रॉस-सब्सिडी शामिल है। हम टैरिफ मनी का उपयोग करके नुकसान को दूर करने का प्रयास करते हैं। यह चाल जबरदस्ती पैसे वसूल करने के लिए बनाई जा रही है। एक तरफ, किसानों और आम आदमी को कोविड-19 (COVID-19) स्थिति के कारण कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। सरकार उसकी मदद करने के बजाय, उससे जबरदस्ती पैसे वसूल करना चाहती है।"

लॉकडाउन के दौरान बढ़े हुए बिजली बिलों का मुद्दा तब सामने आया था जब बिजली निगम के कर्मचारी मीटर रीडिंग को फिजिकली रिकॉर्ड नहीं कर पा रहे थे। 2 नवंबर, 2020 को नितिन राउत ने संकेत दिया कि राज्य सरकार उपभोक्ताओं की समस्याओं को कम करने के लिए 'दिवाली बोनस' की योजना बना रही है। हालांकि, राउत ने बाद में यू-टर्न लेते हुए स्पष्ट कर दिया कि उपभोक्ताओं को बिजली बिल की पूरी राशि का भुगतान करना होगा, क्योंकि इस स्तर पर महावितरण के लिए और कर्ज लेना संभव नहीं था। 

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Published September 15th, 2021 at 17:36 IST

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